नई दिल्ली, दीपोत्सव शुरू हो चुका है और लोग इसे धूम-धाम से मनाने के लिए तैयार हैं। बच्चे हों या बूढ़े सभी को साल भर दीपावली का इंतज़ार रहता है। महिलाएं महीनों पहले इसकी तैयारियों में जुड़ जाती ह
ैं। त्योहार मनाने में सब इतने व्यस्त हो जाते हैं कि उन्हें कई बातों का ख़्याल नहीं रहता। ऐसे में इस बात की जानकारी होना ज़रूरी है कि इस त्योहार को सुरक्षित, स्वस्थ और ज़िम्मेदार तरीके से कैसे मनाया जाए। गुरुग्राम के पारस हॉस्पिटल के पल्मोनोलॉजी प्रमुख और सीनियर कंसल्टेंट डॉ. अरुणेश कुमार ने अपनी राय देते हुए कहा, "दिवाली सभी कम्यूनिटी को एक साथ लाती है, लेकिन अभी भी महामारी की तीसरी लहर एक बड़ी चिंता का विषय बनी हुई है। इसलिए स्वास्थ्य या सुरक्षा से समझौता किए बिना रोशनी का त्योहार मनाने के लिए उचित सावधानी और सावधानी बरतना ज़रूरी है। दिवाली के दौरान किसी भीतरहर की दुर्घटना या स्वास्थ्य पर नुकसान से बचने के लिए कुछ सामान्य एहतियाती उपाय करना भी ज़रूरी है।" हेल्थकेयर विशेषज्ञों दुवारा पूरे उत्साह के साथ दिवाली का आनंद लेने के लिए 8 महत्वपूर्ण टिप्स दिए गए हैं। फिज़िकल डिस्टेंसिग बनाए रखें दिवाली का त्योहार न सिर्फ बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है बल्कि यह लोगों के रिश्तों को मज़बूत भी करता है। हालांकि इस दिवाली, चाहे कोई भी मज़ा और उत्साह हो, फिजिकल डिस्टेंसिग बनाए रखना महत्वपूर्ण है क्योंकि कोरोनावायरस की तीसरी लहर के खतरे को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता है। फिज़िकल डिस्टेंसिंग कोविड-19 के फैलाव को कम करने में मदद करती है। इसका मतलब है कि एक दूसरे से कम से कम दो मीटर की दूरी बनाए रखना और भीड़-भाड़ वाली जगहों पर समय बिताने से बचना चाहिए। मोमबत्ती या दीया जलाने से पहले न करें सैनिटाइजर का इस्तेमाल मोमबत्ती या दीया जलाने के दौरान विशेष रूप से अल्कोहल वाला सैनिटाइज़र का उपयोग नहीं करना चाहिए। सैनिटाइज़र बहुत ज्वलनशील होता हैं और तुरंत आग पकड़ सकते हैं जिससे गंभीर आग का ख़तरा हो सकता है। मोमबत्ती या दीया जलाने से पहले हमेशा हाथों को अच्छी तरह से धोना चाहिए। मास्क लगाए रखें कोविड-19 के फैलाव को रोकने के लिए एहतियाती उपाय बरतने के अलावा दिवाली के दौरान मास्क पहनना न भूलें। पटाखों के जलने से निकलने वाला धुंआ सांस की समस्या से जूझ रहे मरीज़ों के लिए गंभीर समस्या पैदा कर सकता है। लोगों को घरघराहट, खांसी जैसे सांस संबंधी समस्याएं या आंखों में जलन पैदा हो सकती है। कपड़े सही तरीके से पहनें दिवाली के त्योहार में अपने घर को सजाने के साथ लोग ख़ुद को सजाने में भी कोई कसर नहीं छोड़ते, लेकिन सुरक्षित रूप से तैयार होना हमेशा महत्वपूर्ण होता है। शिफॉन, जॉर्जेट, साटन और रेशमी कपड़े देखने में भले ही ज़्यादा फेस्टिव लगते हैं, लेकिन दिवाली में इन्हें पहनना जोखिम भरा भी हो सकता है। ऐसे रेशों में आग लगने की आशंका ज़्यादा होती है। इसके बजाय सूती रेशम, सूती या जूट के कपड़ों को पहनना ज़्यादा बेहतर होता है। दिवाली समारोह के दौरान ढीले-ढाले कपड़ों से भी बचना चाहिए। पोषण से भरपूर और हेल्दी खाना खाएं दिवाली में अक्सर मिठाई, स्नैक्स और अन्य स्वादिष्ट चीज़ें बहुत खाई जाती हैं। इन चीज़ों को अगर ज़्यादा खा लिया जाए, तो इससे पेट भी ख़राब हो सकता है, गैस बन सकती है और हार्ट बर्न हो सकता है। इसलिए पेट पर अनावश्यक दबाव डाले बिना दिन भर में थोड़ा-थोड़ा भोजन करना अच्छा होता है। स्वस्थ, पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थ, फल और मेवे खाएं। खुद को हाइड्रेट और ऊर्जावान बनाए रखने के लिए खूब पानी पिएं। साथ ही नाश्ता और दोपहर का भोजन मिस न करें और हर तरह की शारीरिक गतिविधि में भाग लें। पटाखे न जलाएं भारत दुनिया के उन देशों में से है जहां सबसे ज़्यादा वायु प्रदूषण है। यही नहीं दुनिया के 30 सबसे प्रदूषित शहरों में से 22 शहर भारत के हैं। दिवाली के दौरान किसी भी प्रकार के पटाखे या कचरा जलाने से स्थिति और ख़तरनाक हो जाएगी। पटाखे फोड़ने से निकलने वाले कार्बन के कण पहले से मौजूद एलर्जी को बढ़ा सकते हैं। इसके अलावा वाष्प के कण लंबे समय तक नथुने से चिपके रह सकते हैं, जो एलर्जिक राइनाइटिस की संभावना को बढ़ा सकते हैं और यहां तक कि अस्थमा और ब्रोंकाइटिस के अटैक को भी बढ़ा सकते हैं। साथ ही जश्न के नाम पर पटाखे फोड़ने से कोविड संक्रमित मरीजों की हालत और खराब हो सकती है। प्रदूषण रेस्पिरेटरी सिस्टम को प्रभावित करता है और कोरोना वायरस से भी सांस लेने में समस्या होती है। कहा जाता है कि फेफड़ों के संक्रमण वाले लोगों में कोविड-19 के लिए प्री मोर्बिड कंडीशन होती है और उनके वायरस से संक्रमित होने की संभावना होती है। इसलिए, इस कोविड में धुआं पैदा करने वाले पटाखों का फोड़ना विनाशकारी हो सकता है। मैग्नेटो क्लीनटेक के सीईओ श्री हिमांशु अग्रवाल ने कहा, "दिवाली नज़दीक आने से हमें प्रदूषण के स्तर में बढ़ोत्तरी होने से सावधान रहना चाहिए, यह प्रदूषण घर के अंदर और बाहर दोनों जगह मौजूद है और इसलिए खुद को उसी के अनुसार तैयार करें। वैसे देखा गया है कि मुख्य रूप से बाहरी स्थानों में प्रदूषण पर ध्यान केंद्रित किया जाता है, हमें यह याद रखने की जरूरत है कि हमारे घरों के अंदर प्रदूषण का स्तर 5 गुना ज्यादा हो सकता है और यह हमारे रेस्पिरेटरी सिस्टम, हार्ट और इम्यूनिटी सिस्टम के लिए खतरनाक है। इस वक्त वायु प्रदूषण और भी खतरनाक है क्योंकि इससे कोरोना वायरस फैलने का ख़तरा कई गुना बढ़ जाता है। प्रदूषण रहित दिवाली के लिए हरे और पर्यावरण के अनुकूल पटाखे और दीयों का विकल्प चुनना चाहिए।अपने घरों के अंदर धार्मिक गतिविधियों के लिए इको फ्रेंडली अगरबत्ती जलानी चाहिए। जितना संभव हो सके घर में वेंटिलेशन में सुधार करना चाहिए। हालांकि सबसे अच्छा विकल्प यह है कि अपने घरों में एक हाई क्वालिटी वाला एयर प्यूरीफायर उपकरण स्थापित किया जाए, जो न सिर्फ हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक दिवाली से संबंधित प्रदूषकों का खात्मा कर सकें, बल्कि यह भी सुनिश्चित कर सके कि हम दिवाली के बाद अपने घरों में भी स्वस्थ शुद्ध हवा में सांस लेते रहें।" अपनी दवाओं को नियमित रूप से लें दिवाली का त्यौहार अधिकांश परिवारों के लिए एक व्यस्त समय हो सकता है, यह महत्वपूर्ण है कि रोज़मर्रा के कामों को न भूलें और समय पर दवाएं लेना याद रखें। दवा खाने के लिए लोग अपने मोबाइल फोन पर रिमाइंडर भी सेट कर सकते हैं या रिमाइंडर नोट लिख सकते हैं और इसे बाथरूम के पीछे, सामने के दरवाजे या किसी अन्य जगह पर चिपका सकते हैं जहां यह ठीक से दिखाई दे। अगर कोई व्यक्ति दवा लेना भूल जाता है, तो बेहतर होगा कि यथाशीघ्र दवा को खाएं और तुरन्त अपने डॉक्टर से सलाह लें। कोविड वैक्सीन लगवाएं आपको चाहे कोविड हुआ हो या नहीं, आपको कोविड की वैक्सीन लगवानी बहुत ज़रूरी है। इस बात के सबूत मिले हैं कि लोगों को पूरी तरह से टीका लगवाने से कोविड से बेहतर सुरक्षा मिलती है। कोविड-19 की वैक्सीन किसी व्यक्ति को गंभीर रूप से बीमार होने से बचाने में भी मदद करती हैं। वैक्सीन लगवाने से अन्य लोगों को भी सुरक्षा हो सकती है।
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