खोजी/सुभाष कोहली कालका/पंचकूला। पंजाब में तरनतारन के दलित सिख लखबीर सिंह की संयुक्त किसान मोर्चा के धरना स्थल, कुंडली बार्डर पर हुई नृशंस हत्या की तुलना तालिबानी क्रुरता से करते हुए पूर्व क
ंद्रीय राज्य मंत्री व अंबाला लोकसभा सांसद रतनलाल कटारिया ने कहा कि यह घटना भारतीय समाज व लोकतंत्र के माथे पर कलंक है। कटारिया ने कहा कि भले ही किसी व्यक्ति ने कितनी बड़ी गलती की हो, तो भी देश का कानून किसी व्यक्ति को उसकी हत्या करने का अधिकार नहीं देता है। किंतु कुछ निहंगों ने कानून को अपने हाथ में लेते हुए जिस प्रकार से उसकी बर्बरता पूर्वक हत्या की है, उसकी जितनी भर्त्सना की जाए वह कम है। इन निहंगों ने खुद को कानून से ऊपर मानते हुए उसको मौत की सजा सुनाई व मरने तक जिस प्रकार से तड़पाया है वह निंदनीय है। जिस व्यक्ति ने भी लखबीर की हत्या के वीडियो या फोटो को देखा है उसकी आत्मा सिहर उठी है। किंतु निहंगों के वैहशीपन के कारण उनका दिल नहीं पसीजा और लगातार 3 घंटे तक उसके साथ बर्बरता की गई। एक निहंग द्वारा पटियाला में पुलिस एएसआई हरजीत सिंह का हाथ काटने की घटना पहले भी हो चुकी है। कटारिया ने कहा दलित युवक के साथ बर्बरता संयुक्त किसान मोर्चा के मुख्य मंच के पास हुई और हत्या के बाद शव को संयुक्त किसान मोर्चा के मुख्य मंच के पास पुलिस बैरिकेड पर लटकाया गया। पुलिस को शव तक पंहुचने के लिये 1 घंटा कड़ी मशक्कत करनी पड़ी जो यह दर्शाता हैं कि धरना स्थल पर किसान मोर्चा के नेता सुरक्षा बलों को अंदर नहीं आने देते हैं। धरना स्थल पर हुई किसी भी घटना की सारी जिम्मेवारी किसान मोर्चा के नेताओ की बनती है तो वह किस प्रकार इस घटना से अपना पल्ला झाड़ सकते हैं। कटारिया का कहना है कि धरना स्थल पर इस प्रकार की आपराधिक घटनाओं ने किसान आन्दोलन को पीछे छोड़ दिया है। कटारिया ने कहा कि तरनतारन पुलिस द्वारा खंगाले गये रिकॉर्ड के मुताबिक लखबीर का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है व उसकी पत्नी के इस बयान के बाद की वह श्री गुरु ग्रंथ साहिब में अटूट विश्वास रखता था और वह किसी भी हालात में श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी नहीं कर सकता था। इससे साबित होता है कि यह मामला किसान आन्दोलन से जुड़े निहंगों के साथ-साथ उन तथाकथित नेताओं का भी है जो 3 घंटे तक इस नंगे नाच को देखते रहे। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस बर्बरता पूर्वक घटना का कड़ाई से संज्ञान लिया हैं और दोषियों को किसी भी कीमत पर ना बक्शे जाने के संकल्प को दोहराया है।
Comments