मलेरिया और डेंगू की बीमारी से बहुत सावधान रहने की है जरूरत हथीन/माथुर : सिविल सर्जन डा. ब्रहमदीप के निर्देशानुसार हथीन उपमंडल के गांव स्वामीका में फोङ्क्षंगंग व मालपुरी गांव में वीबीडी एक्ट
िविटी कराई गई। सिविल सर्जन डा. ब्रहमदीप ने बताया कि बारिश के मौसम में मलेरिया और डेंगू की बीमारी से बहुत सावधान रहना होगा। स्वास्थ्य विभाग मलेरिया, डेंगू के साथ-साथ कोरोना के लिए पूरी तरह से सजक है। डा. ब्रह्मïदीप ने बताया कि जिला पलवल में 3 मलेरिया के केस और 6 डेंगू के केस मिले हैं। उन्होंने जानकारी दी कि सरकारी अस्पताल से इलाज लेने के बाद यह सारे केस पूरी तरह से स्वस्थ हैं और सभी की जांच की गई तो सभी लोग नेगेटिव पाए गए। उन्होंने बताया कि गांव स्वामीका में फॉगिंग व मालपुरी में वीबीडी एक्टिविटी हो चुकी है। जो बुखार के केस मिले है उन्हें स्वास्थ्य विभाग द्वारा ही दवाई दी जा रही है। सिविल सर्जन ने कहा कि साफ-सफाई का खास ध्यान रखा जाए। उन्होंने बताया कि कोविड-19 की बीमारी से बचाव के साथ-साथ मलेरिया व डेंगू के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाकर मच्छर के लार्वा की जांच कर रही है और साथ में लोगो को सामाजिक दूरी व मास्क का प्रयोग करने के लिए बार-बार प्रेरित कर रही है। बुखार आने पर मलेरिया, डेंगू व कोविड-19 की जांच के लिए लोगो को जागरूक किया जा रहा है। इसके साथ-साथ सभी टीम बुखार के सभी मरीजों की मलेरिया जांच कर रही है। सिविल सर्जन ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने अब तक जिले के घरों में मलेरिया व डेंगू का लार्वा पाए जाने पर 4616 हिदायत संबंधी नोटिस दिए है, क्योंकि बारिश होने के बाद मच्छरो से फैलने वाली बीमारियों का प्रकोप बढ़ जाता है। बारिश का पानी जहां भी जमा हो जाता है, वहां पर मलेरिया व डेंगू फैलाने वाले मच्छर अंडे देना शुरू कर देते है, जिससे मच्छरों की ज्यादा बढ़ोतरी हो जाती है और बीमारी फैलने की आशंका भी बढ़ जाती है। इसलिए समुदाय में लोग अपने घरो, दफ्तरों के आप-पास पानी एकत्रित न होने दे। अगर पानी के निकास की सुविधा न हो तो उसमे काला तेल डाल दे, जिससे मच्छर का लार्वा व अंडे समाप्त हो जाए। उन्होंने सभी आमजन से सप्ताह में प्रत्येक रविवार को समुदाय में ड्राई-डे मनाने के लिए अपील की है, जिसके दौरान घरो मे रखे कूलर व छतो पर रखी टंकियो को रगडकर साफ करे व पीने के पानी को ढककर रखे व फ्रीज की ट्रे को सप्ताह में एक बार जरूर साफ करें। अगर साफ करना संभव न हो तो उसमे सरसों का तेल व एक ढक्कन पेट्रोल भी डाल सकते है, जिससे बीमारी फैलाने वाले मच्छर का लार्वा मर जाए। उन्होंने बताया कि जिले के सभी डेंगू संभावित क्षेत्रो में स्वास्थ्य विभाग की टीमों द्वारा कोविड-19 को ध्यान मे रखते हुए सभी टीम बखूबी अपना कार्य कर रही है। जिला पलवल मे अर्बन मलेरिया विभाग की टीम डेंगू व मलेरिया के बचाव के लिए लगातार कार्य कर रही है। जिले में 15 सितम्बर 2021 तक एक लाख 39 रक्त के नमूने लिए जा चुके हैं, जिनमे होडल ब्लॉक से केवल दो मलेरिया के मरीज निकले है और एक मरीज जिला मेवात से जांच होकर हथीन ब्लॉक के मठेपुर गांव से पाया गया है, जोकि 7 महीने की गर्भवती महिला है, जिसका इलाज पूर्ण किया जा चुका है। अब वह बिल्कुल ठीक है। फिर भी जिला का स्वास्थ्य विभाग डेंगू को लेकर पूरी तरह से मुस्तैदी के साथ अपने कार्य मे लगा हुआ है। उन्होंने बताया कि जिला पलवल मे डेंगू के लार्वा की जांच के लिए पिछले महीने तक 3 लाख 31 हजार 743 से ज्यादा घरो मे जांच हो चुकी है, जिनमे घरो के कूलर, टंकी, हौदियो, फ्रीज की जांच की जा चुकी है। जिले में अब तक जिन घरो मे लार्वा मिला है, उनमें साफ-सफाई सम्बन्धी लार्वा को हटाने के लिए चेतावनी देते हुए 4 हजार 616 घरो में नोटिस दिए जा चुके हैं और अगर भविष्य मे इन घरों मे दोबारा लार्वा मिलता है या पाया जाता है तो इनका चालान भी किया जा सकता है। जिले मे डेंगू संभावित क्षेत्रो की सूची तैयार कर ली गई है, जिनमे स्वास्थ्य विभाग की टीमो द्वारा एंटी लार्वा संबंधित जरूरी एक्टिविटीज करवाई जा रही है, जिसके तहत एक सघन कार्यक्रम चलाया जा रहा है। पानी ठहरेगा जहां, मच्छर पनपेगा वहां।
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