नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को शहरों को कचरा मुक्त बनाने के लिए स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) 2.0 (दूसरा चरण) का शुभारंभ किया है। इसके अलावा AMRUT 2.0 की भी शुरुआत पीएम मोदी ने की है।
इनकी शुरुआज आज नई दिल्ली स्थित डाक्टर अंबेडेकर इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में की गई। वर्ष 2014 में खुले में शौच को खत्म करने का लक्ष्य निर्घारित किया गया था। इसको दस करोड़ शौचालय बनाकर पूरा किया गया है। अब शहरों को कचरा मुक्त किया जाएगा। इसके अलावा सीवेज का बेहतरीन प्रबंधन और स्वच्छ पानी की सप्लाई करना है। इस अभियान में सबसे बड़े सहयोगी वो लोग हैं जो बदबू सहन करते हुए कचरा साफ करते रहे हैं। कोरोना काल में भी इन्होंने अपना पूरा योगदान दिया है। उन्होंने ये भी कहा कि ये योजना बापू की सोच से प्रेरित है। उन्होंने इस योजना और इसकी सफलता को महात्मा गांधी को समर्पित किया है। इस मौके पर उन्होंने बाबा साहब का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि गांव से शहरों की तरफ आने वालों को यहां पर काम तो मिल जाता है लेकिन वो जिस माहौल में रहते हैं वो बेहद दयनीय है। स्वच्छ भारत मिशन का दूसरा चरण बाबा साहब के सपनों को पूरा करने की तरफ एक कदम है। उन्होंने का कि ये सबका साथ, सबका विकास और सबका प्रयास पर आधारित है। अब इससे हर उम्र के लोग जुड़े हुए हैं। अब हर जिले के लोग चाहते हैं कि उनका शहर स्वच्छता रैंकिंग में आगे हो। पीएम मोदी ने कहा कि आदिवासी इलाकों में लोग बेहद कम संसाधनों में अपना काम पूरा करते है। वहां पर साफ सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है। गुजरात का सीएम रहते हुए भी लोगों को इस मिशन से जोड़ने का पूरा प्रयास किया गया है। इसके साथ ही गुजरात में पर्यटन भी बढ़ा। पहले और अब में काफी अंतर आ चुका है। अब घरों से कचरे को लेकर जाया जाता है और उसका वैज्ञानिक आधार पर निस्तारण किया जाता है। लोग गंदगी को लेकर एप पर जानकारी देते हैं। अब लोगों की सोच में बदलाव आ चुका है। 2014 से पहले करीब सात वर्षों में बेहद कम बजट आवंटित किया गया था, जबकि हमारे सरकार में आने पर 4 लाख करोड़ का बजट दिया गया है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत हर रोज एक लाख टन कचरे का निस्तारण किया जा रहा है। पहले ये केवल 20 फीसद था जबकि आज ये 70 फीसद तक हो चुका है। अब इसको सौ फीसद तक लेकर जाना है। इसके लिए हर शहर को आगे आना होना और वहां पर आधुनिक तकनीक मुहैया करवानी होगी। शहरों में बने कचरे के पहाड़ों को खत्म किया जाएगा। दिल्ली में भी इस तरह का पहाड़ है जो हटने का इंतजार कर रहा है।
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