बारिश के मौसम में अपने आस-पास पानी इक_ा न होने दे-सिविल सर्जन

Khoji NCR
2021-09-04 12:01:10

हथीन/माथुर : सिविल सर्जन डा. ब्रहमदीप ने बताया कि मलेरिया व डेंगू के खात्मे को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूर्ण रूप से गंभीर एवं प्रयासरत है। उन्होंने बताया कि कोविड-19 जैसी जानलेवा बीमारी के साथ-साथ

मलेरिया, डेंगू व चिकिनगुनिया की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग पैनी नजर बनाए हुए है। उन्होंने बताया कि मच्छर ठहरे (एकत्रित) हुए पानी मे अंडे देते है, जिससे मलेरिया व डेंगू की बीमारी फैलाने वाले मच्छरों की बढ़ोतरी तेजी से होती है। उन्होंने लोगों से आह्वïान किया है कि वे अपने घर के आस-पास पानी इकठ्ठा न होने दें। उन्होंने बताया कि तुरंत प्रभाव से मलेरिया उन्मूलन की सभी टीम ठहरे हुए पानी मे काला तेल व टेमिफोस की दवाई का छिडकाव कर रहे है, जिससे मच्छर का लार्वा खत्म हो सके और जानलेवा बीमारी फैलाने वाले मच्छरों की उत्पत्ति पर पूर्ण रूप से रोक लग सके। जिला पलवल मे ब्रीडिंग चेकर, फील्ड वर्कर द्वारा घर-घर जाकर मलेरिया उन्मूलन सम्बन्धी मच्छर के लार्वा की ब्रीडिंग चेक की जा रही है और ब्रीडिंग पाए जाने पर तुरंत प्रभाव से टीमो द्वारा टेमिफोस की दवाई डलवाकर लार्वा को नष्ट किया जा रहा है। इसलिए आमजन से अपील है कि प्रत्येक रविवार को सभी लोग ड्राई डे (शुष्क दिवस) के रूप में मनाए, जिस दौरान घर के सभी कूलर व टंकियों को अच्छी तरह से कपड़े से रगडकर साफ कर लें, फ्रीज की ट्रे का पानी जो बिजली जाने के बाद फ्रीज की बर्फ के पिघलने से ट्रे मे एकत्रित होता है, उसको जरूर साफ करे। अगर साफ करना संभव न हो तो उसमे 5 से 10 एमएल पेट्रोल या डीजल का तेल डाल सकते है, क्योकि फ्रीज की ट्रे के साफ पानी मे डेंगू फैलाने वाले एडीज मच्छर की उत्पत्ति होती है। घर मे प्रयोग किए जा रहे एसी के पानी को एकत्रित न होने दें, क्योकि एसी के साफ एकत्रित पानी भी डेंगू फैलाने वाले मच्छर पैदा होते है, जिस पानी को निकालना संभव न हो उसमें काला तेल डाल सकते है, जिससे मच्छरों कि उत्पत्ति न हो पाए। जिले मे घरो की जांच स्वास्थ्य विभाग की टीमो द्वारा की जा रही है और जिन घरो मे मच्छर का लार्वा मिल रहा है उन सभी घरो मे चेतावनी सम्बंधित नोटिस दिए जा रहे है और साथ मे हिदायत भी दी है आगे से पानी सभी स्त्रोतों की सप्ताह मे एक बार पानी को सुखा कर अच्छी प्रकार से कपडे से रगडकर साफ करे, जिससे मच्छरों कि बढ़ोत्तरी पर रोक लग सके। जिले मे अब तक विभाग की टीमो द्वारा 26738 मरीजो के रक्त के नमूनो की जांच की जा चुकी है, जिनमे केवल 1 मलेरिया के मामलो की पुष्टि हुई है जो सौंध गांव से है। इस मरीज को मलेरिया का 14 दिन का इलाज देकर ठीक किया जा चुका है। इसके साथ समुदाय मे आमजन से अपील है कि सभी लोगो को रात को सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करना चाहिए व दिन के समय पूरी बाजू के कपडे पहनने चाहिए, जिससे मच्छर के काटने से बचा जा सके। इस वर्ष जिला पलवल मे मलेरिया व डेंगू का पूरी तरह से खात्मा करने के लिए जिला स्वास्थ्य विभाग पलवल ने जिले के 70 मलेरिया प्रभावित गांवो मे दवाई वाली मच्छरदानिया वितरित की गई है, जिनमे होडल ब्लाक के 27 गांवो मे, हथीन ब्लाक के 21 गांवो मे, अलावलपुर सीएचसी के 19 गांवो मे व दूधौला सीएचसी के 3 गांवो मे मच्छरदानिया वितरित की है। जिला पलवल मे कुल 158237 मच्छरदानिया बांटी जा चुकी है। उन्होंने बताया कि मलेरिया के शुरूआती लक्षणों मे तेज ठंड के साथ बुखार आना, सर दर्द होना व उल्टीयो का आना है। इसलिए कोई भी बुखार आने पर अपने नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र मे जाकर मलेरिया की जांच करवाए और अगर मलेरिया जांच मे पाया जाता है तो उसका 14 दिन का इलाज स्वास्थ्यकर्मी की देखरेख मे करे।

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