तिरुवनंतपुरम, । कोरोना महामारी से केरल में बुरा हाल है। बीते तीन महीनों में पहली बार एक दिन में कोरोना के 31 हजार (31,445) से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं। राज्य में संक्रमण दर भी बढ़कर 19.03 फीसद हो गई है।
ुधवार को दर्ज किए गए मामलों की संख्या पिछले दिन दर्ज किए गए मामलों की तुलना में 7 हजार अधिक है। इससे पहले करेल में एक दिन में 24,296 मामले सामने आए थे। वहीं, पूरे देश में 24 घंटों में कोरोना वायरस के 46,164 नए मामले मिले हैं और इस दौरान 607 लोगों की मौत भी हुई है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, कोरोना के कारण 24 घंटे में 215 और लोगों की मौत हुई है, जिससे कुल मृत्यु का आंकड़ा बढ़कर 19,972 पहुंच गया है। आंकड़ों के अनुसार, एर्नाकुलम जिले में सबसे अधिक 4048 मामले दर्ज किए गए हैं, इसके बाद त्रिशूर में 3865, कोझीकोड में 3680, मलप्पुरम में 3502, पलक्कड़ में 2562, कोल्लम में 2479, कोट्टायम में 2050, कन्नूर में 1930, अलाप्पुझा में 1874, तिरुवनंतपुरम में 1700, इडुक्की में 1166, पठानमथिट्टा में 1008, वायनाड में 962 और कासरगोड में 619 केस मिले हैं। केरल के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक राज्य जितने भी नमूनों की जांच की जा रही है, उनमें से हर पांचवां व्यक्ति संक्रमित मिल रहा है। विशेषज्ञों ने ओणम महोत्सव के बाद संक्रमण में वृद्धि की आशंका जताई थी, जो सच साबित हो रही है। इससे पहले जुलाई में बकरीद के मौके पर पाबंदियों में छूट दी गई थी, जिसके बाद अचानक नए मामले ब़़ढकर 20 हजार को पार गए थे। केरल में कोरोना से बिगड़ते हालात पर केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन का कहना है कि केरल में स्थिति गंभीर है। राज्य, प्रसार को रोकने के लिए वैज्ञानिक तरीकों का उपयोग करने के बजाय, राजनीतिक उद्देश्यों को साधने के लिए महामारी का उपयोग करने की कोशिश कर रहा है। मैं राज्य सरकार से आइसीएमआर दिशानिर्देशों का पालन करने का आग्रह करता हूं। उन्होंने कहा कि केरल का होम क्वारंटाइन (योजना) बुरी तरह विफल रहा है। कोविड-19 के बढ़ते मामलों को लेकर भाजपा ने राज्य की वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) सरकार पर निशाना साधा। उसने आरोप लगाया कि राज्य की वामपंथी सरकार इस संकट को कम करने के बजाय दुष्प्रचार के जरिये मामलों को छिपाने में जुटी है। भाजपा नेता एवं केंद्रीय मंत्री वी. मुरलीधरन ने मुख्यमंत्री पिनराई विजयन पर हमला करते हुए ट्वीट किया, 'केरल में कोविड-19 की स्थिति बेहद चिंताजनक है और मुख्यमंत्री विजयन राज्य के लोगों की रक्षा करने में विफल रहे हैं। सफदरजंग मेडिकल कालेज में कम्यूनिटी मेडिसिन के प्रोफेसर डाक्टर जुगल किशोर का कहना है कि केरल ने महामारी की पहली लहर के दौरान जबरदस्त तैयारी की थी। इसकी वजह से वहां पर कम मामले आए थे। महामारी की दूसरी लहर में भी यही रहा और काफी हद तक केरल में रोकथाम हुई। इस दौरान विदेशों में बसे भारतीयों ने केरल में वापसी की जिसकी वजह से वहां पर लोग संक्रमित हुए। इस दौरान लोगों का टीकाकरण भी कम हुआ जिसकी वजह से भी संक्रमण फैला। डाक्टर जुगल मानते हैं कि केरल में कोरोना संक्रमण की गति तब तक धीमी नहीं होगी जब तक वहां की बड़ी आबादी को वैक्सीनेट नहीं कर दिया जाता। इसके लिए वैक्सीनेशन की रफ्तार को बढ़ानी होगा।
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