मिसकैरेज या एमटीपी के बाद ज्यादातर दंपती के मन में यह सवाल रहता है कि दूसरी प्रेग्नेंसी की तैयारी के लिए सही वक्त कब होता है और इसमें किस तरह के कॉम्प्लीकेशंस हो सकते हैं। तो आपको बताना चाहेंग
े कि मिसकैरेज और दूसरी प्रेग्नेंसी में कम से कम तीन या चार महीने का गैप रखने की सलाह डॉक्टर्स देते हैं। अच्छा तो यही होता है कि तीन महीने बाद जब पीरियड्स नॉर्मल हो जाए तभी दूसरी बार कंसीव करने का प्लान करना सही वक्त है, साथ ही साथ कुछ और बातों का भी ध्यान रखना जरूरी है, जिसके बारे में जान लें। - दूसरी प्रेग्नेंसी के बारे में प्लान करने से पहले हसबैंड-वाइफ दोनों को केस हिस्ट्री के साथ किसी महिला चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए, जिससे पिछले मिसकैरज की वजहों का विश्लेषण करके इस बार उस तरह के खतरों को कैसे रोका जा सकता है वो गाइड कर सकें। - किसी एक के लिए नहीं बल्कि पति-पत्नी दोनों के ही लिए स्पर्म और एग की क्वॉलिटी की जांच जरूरी है क्योंकि इनकी खराब क्वॉलिटी मिसकैरेज की सबसे बड़ी वजह होती है। - दोनों में से कोई एक को भी एल्कोहॉल या सिगरेट का सेवन करता है तो अभी से इसे छोड़ दें क्योंकि ये चीजें मिसकैरेज की संभावनाओं को कई गुना बढा देती हैं। - कंसीव करने से पहले पति-पत्नी दोनों को थेलेसीमिया, एचआइवी, सीबीसी, आरएच फैक्टर, ब्लड शुगर, हेपेटाइटिस और थायरॉयड की जांच जरूर करवाना चाहिए। - कई सारी रिसर्च में ये प्रमाणित हो चुका है कि पपीते के बीज में कुछ ऐसे तत्व मौजूद होते हैं, जो मिसकैरेज के खतरे को बढ़ा देते हैं। इसलिए पपीते का सेवन न करें। - जंक फूड का सेवन बिलकुल न करें खासतौर से चाइनीज़ फूड्स क्योंकि उसका स्वाद बढ़ाने के लिए उसमें अजीनोमोटो मिलाया जाता है, जो बच्चे के मस्तिष्क के लिए नुकसानदेह होता है और इसकी वजह से मिसकैरेज का भी खतरा बढ़ जाता है। - जब प्रेग्नेंसी टेस्ट की रिपोर्ट आए तो बिना देर किए अपनी स्त्री रोग विशेषज्ञ को बताएंऔर उसके द्वारा दिए गए सुझावों का पालन भी करें। (पुष्पावती सिंघानिया रिसर्च इंस्टीट्यूट की वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. बीर बाला राय से बातचीत पर आधारित)
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