दंतेवाड़ा,। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में तीन नक्सलियों ने सरेंडर किया है, जिनमें से एक के सिर पर एक लाख रुपये का इनाम रखा गया था। अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। नक्सली मोर्चे पर यह बहुत बड
ी कामयाबी है। उन्होंने कहा कि कैडर 2015 से इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IEDs) लगाने, सड़कों और पुलों को नुकसान पहुंचाने सहित दंतेवाड़ा और पड़ोसी सुकमा जिलों के अंदरूनी इलाकों में माओवादी पोस्टर और बैनर लगाने में कथित रूप से शामिल थे। दंतेवाड़ा के पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव ने बताया कि सोमवार को पुलिस के पहुंचने से पहले तीनों ने सरेंडर कर किया। सभी नक्सलियों ने पुलिस के पुनर्वास अभियान 'लोन वरातु' से प्रभावित होकर सरेंडर किया। वह सभी खोखली माओवादी विचारधारा से निराश हो गए हैं। उन्होंने बताया कि तीनों नक्सलियों में से आयता कोहरामी नाम की महिला एक मीलिटा कमांडर (militia commander) के रूप में सक्रिय थी, जिसके सिर पर 1 लाख रुपये का इनाम था। जबकि दो अन्य कैडरों की पहचान उईका सोमदू (23) और करतम महेंद्र (22) के रूप में की गई है। उन्होंने कहा कि महेंद्र 2018 में तिम्मापुरम गांव में एक व्यक्ति की हत्या के मामले में भी वांछित था। इस सरेंडर के साथ ही 375 नक्सलियों ने लोन वरातु अभियान के तहत जिलें में हिंसा छोड़ दी। जिनमें से 99 लोगों के सिर पर नकद ईनाम रखा गया था। अधिकारी ने बताया कि इस पहल के तहत दंतेवाड़ा पुलिस ने कम से कम 1,600 नक्सलियों के पैतृक गांवों में पोस्टर और बैनर लगाए हैं, जिनमें ज्यादातर नकद इनामी हैं और उनसे मुख्यधारा में लौटने की अपील की जा रही है।
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