नई दिल्ली, ।अच्छी डाइट और एक्सरसाइज सिर्फ बड़ों को ही हेल्दी रखने का फॉर्मूला नहीं है। ये बच्चों के लिए भी उनता ही जरूरी है। कोरोनाकाल में तो ये और भी जरूरी हो गया है। योग करने से शारीरिक और मान
सिक सेहत पर अनुकूल प्रभाव पड़ता है। साथ ही शरीर में अध्यात्म चेतना जागृत होती है। इसके लिए जीवन में योग को जरूर शामिल करें। विशेषज्ञों की मानें तो कोराना महामारी से बच्चों की मानसिक सेहत पर प्रतिकूल असर पड़ा है। कोरोना काल में बच्चे घरों में बंद रहने को मजबूर हैं। इससे न केवल उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है, बल्कि मानिसक विकास में भी बाधा आ रही है। विषम परिस्थिति में बच्चों की समुचित विकास में योग अहम भूमिका निभा सकता है। इसके लिए बच्चे को योग के प्रति जागरूक करें और अपने साथ रोजाना योग करने की सलाह दें। ये आसन बच्चों के लिए है बहुत ही फायदेमंद हैं। आइए जानते हैं- 2. वीरभद्रासन-2 (Warrior pose-2) - हाथ, पैर, जांघों की मांसपेशियों को मजबूती देता है। - घुटनों और हिप ज्वॉइंट्स को लचीला बनाता है। कंधे और गर्दन की जकड़न को कम करता है। 3. त्रिकोणासन (Triangle Pose) - गर्दन और पीठ दर्द में आराम दिलाता है। - पैर और हिप की मसल्स को लचीला बनाने के साथ ही उसे टोन भी करता है। - शरीर की जकड़न को दूर करता है। 4. भुजंगासन (Cobra Pose) - रीढ़ की हड्डी को मजबूत और लचीला बनाता है। - बॉडी और दिमाग को हेल्दी रखता है। - रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। 5. सुखासन (Easy Pose) मानसिक और शारीरिर रूप से बच्चों को चुस्त-दुरुस्त रखता है। सावधानियां - किसी भी आसन को करते वक्त अगर बच्चे को बहुत ज्यादा दर्द का एहसास हो तो उसे उसी वक्त रोक दें। पीछे झुकने वाले आसनों में चक्कर आने की समस्या कई बार होती है तो ऐसी स्थिति में भी बच्चे को बिठाकर कुछ देर रिलैक्स करने दें। - पीछे झुकने वालों आसन बेशक रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाते हैं लेकिन अगर कमर में बहुत देर दर्द की शिकायत बच्चा करें तो उसे भी वहीं रोक दें और कुछ देर पीठ के बल लिटाकर आराम करने दें। - आसन शुरु करने से पहले हल्की-फुल्की स्ट्रेचिंग एक्सरसाइजेस जरूर कर लें। आसन खत्म होने के बाद भी कूलिंग डाउन एक्सरसाइजेस जरूरी होती हैं। - बहुत ज्यादा थकान का अनुभव होने पर बच्चों को थोड़ा पानी पिलाया जा सकता है। डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
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