पहले जहां कोरोना का असर सिर्फ शहरों में देखने को मिल रहा था वहीं अब ये गांवों में भी तेजी से फैल रहा है। जानकारी और इलाज का अभाव मौतों की वजह बन रहा है। इन्हीं चीज़ों को देखते हुए सरकार ने गांवो
के लिए अलग गाइडलाइन जारी की है, जिससे संक्रमण रोका जा सके। गाइडलाइन के अनुसार, आशा कार्यकर्ताओं को खासतौर से जुकाम-बुखार की मॉनिटरिंग और संक्रमित मामलों में कम्युनिटी हेल्थ अफसर को फोन पर केस हैंडल करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा एएनएम को भी रैपिड एंटीजन टेस्ट की ट्रेनिंग देने को कहा गया है। 1. हर गांव में जुकाम-बुखार के मामलों की निगरानी खासतौर से आशा वर्कर्स करेंगे। जिनके साथ हेल्थ सैनिटाइजेशन और न्यूट्रिशन कमेटी भी होगी। 2. जिन मरीजों में लक्षण पाए गए हैं, उन्हें ग्रामीण स्तर पर कम्युनिटी हेल्थ अफसर फौरन फोन पर देखेंगे।
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