हुई मौत-नंगली-रायसीना-मोहम्मदपुरगुर्जर के जंगलों में कई किलोमीटर क्षेत्र में लगी थी आग आग के फैलाव को देख पहाडिय़ों से सटे घरों में रहने वाले परिवारों के लोग अपने-अपने घरों से बाहर सुरक्षित
गह में आए आग लगने से जंगली जानवर सुरक्षित जगह की ओर भागते नजर आए तो चिडिया आदि काफी जानवर आग की चपेट में आकर अकाल मौत का बने ग्रास सोहना,(उमेश गुप्ता): यहां पर गांव नंगली, मोहम्मदपुरगुर्जर, रायसीना के जंगलों में 15 एकड़ लंबे क्षेत्र में लगी आग पर दमकल विभाग ने काबू पा लिया है। आग बुझाने में दमकल केन्द्र से आई कई गाडिय़ों के साथ-साथ ग्रामीणों का भरपूर सहयोग रहा। वन विभाग के पानी टैंकरों की भी मदद ली गई। दमकल केन्द्र प्रभारी जयबीर भड़ाना की माने तो 6 दमकल गाडिय़ों के सहारे 45 दमकलकर्मी पूरी रात आग बुझाने में लगे रहे। ग्रामीणों ने भी पूरा सहयोग किया और खेतों में लगे बोरवैलों से पाइप के जरिए पानी आग बुझाने के लिए जंगल तक पहुंचाने में मददगार बने। आग बुझा रहे दमकलकर्मियों के मुताबिक आग की चपेट में आने से 8 गिलहरी, 23 खरगोश, 4 लोमडी, 12 सियार व अन्य जीव-जंतु मर गए, जो बुरी तरह जली हालत में मिले है। माना जा रहा है कि और भी जीव-जंतु मरे होंगे। आग में झाड़-फूस और जंगली कीकरों आदि के अलावा हजारों छोटे-बड़े पेड़ भी जल गए है तो विलायती बबूल भी भारी तादाद में जली है। समाचार भेजे जाने तक यह ज्ञात नहीं हो पाया है कि पहाड़ी के भीतर बने जंगल और पेड़, पौधों में आग कैसे लगी है। सूचना पाकर स्थानीय दमकल उपकेन्द्र से आग बुझाने के लिए 3 दमकल गाडिय़ां तुरंत मौके पर पहुंची और कई घंटों की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाने का प्रयास किया लेकिन आग को ज्यादा बढ़ते देख गुरूग्राम, नूंह व तावडू से भी फायर बिग्रेड की गाडिय़ां बुलाई गई। वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी भी आगजनी की जानकारी पाकर घटनास्थल पर पहुंच गए। करीब 3 किलोमीटर लंबे दायरे में लगी आग को बुझा लिया गया है। आग के फैलाव को देख पहाडिय़ों से सटे घरों में रहने वाले परिवारों के लोग अपने-अपने घरों से बाहर सुरक्षित जगह में चले गए। हालातों को भांप दमकल कर्मचारियों ने पहले आबादी क्षेत्र से सटे वनक्षेत्र में लगी आग को बुझाया। जिससे लोगों का डर कुछ कम हुआ। गांव सांपकीनंगली में रहने वाले समाजसेवी बिरजू अधाना, मनोज कुमार, गांव रायसीना के रहने वाले इंजीनियर मोनी यादव, कृष्णपाल, प्रेमपाल, राजेन्द्र यादव, बाबू धर्म सिंह आदि की माने तो आग लगने का सही कारण अभी स्पष्ट नही हो पाया है। आग लगने से जंगली जानवर सुरक्षित जगह की ओर भागते नजर आए तो चिडिया आदि काफी जानवर आग की चपेट में आकर अकाल मौत का ग्रास बन गई। दमकल केन्द्र सोहना के प्रभारी जयबीर भड़ाना का कहना है कि लगी आग बुझा ली गई है। उबड़-खाबड़ रास्ता होने से दमकल गाड़ी ऊपर नही जा पा रही थी। ऐसे में जेसीबी बुलाकर गाड़ी ऊपर चढ़ाने के लिए रास्ते बनाने पड़े। जहां से भी गाड़ी चढऩे की संभावना दिखाई दी, वही से गाड़ी वनक्षेत्र में आगे बढ़ाई गई। इसके अलावा आग बुझाने के लिए लंबे पाइपों का भी सहारा लिया गया। गांव नंगली, मोहम्मदपुरगुर्जर, रायसीना की पहाड़ी में पेड़ों, पौधों और घास, फूस में लगी आग का सही कारण ज्ञात नहीं हो पाया है। ग्रामीणों का मानना है कि तेज हवा चलने की वजह से आग इतनी तेजी से फैली कि कुछ समय में ही आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। आग बुझाने के लिए सोहना के साथ-साथ साइबर सिटी गुरूग्राम, तावडू और नूंह से अग्निशमन विभाग की दमकल गाडिय़ां मौके पर पहुंची लेकिन पहाड़ी क्षेत्र में गाडिय़ा आगजनी वाले स्थल तक नही पहुंच पाई। गहराई के साथ लंबाई में आग गांव नंगली, मोहम्मदपुरगुर्जर, रायसीना की पहाड़ी की तरफ बढ़ गई। ऐसे में जेसीबी मंगाकर रास्तों को समतल कर दमकल गाडिय़ां अग्निस्थल तक पहुंचने और लंबे पाइपों के सहारे आग को बुझाने में लगे रहे। दमकल केन्द्र सोहना के प्रभारी जयबीर भड़ाना का कहना है कि लगी आग पूरी तरह बुझा ली गई है। उबड़-खाबड़ रास्ता होने से दमकल गाड़ी ऊपर नही जा पा रही थी। ऐसे में जेसीबी बुलाकर गाड़ी ऊपर चढ़ाने के लिए रास्ते बनाने पड़े। जहां से भी गाड़ी चढऩे की संभावना दिखाई दी, वही से गाड़ी वनक्षेत्र में आगे बढ़ाई गई। इसके अलावा आग बुझाने के लिए लंबे पाइपों का भी सहारा लिया गया।
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