न्यूयॉर्क । दुनिया की कई बड़ी हस्तियों ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख डॉक्टर टैड्रॉस ऐडहेनॉम घेबरेयेसस के उस प्रस्ताव को अपना समर्थन दिया है जिसमें उन्होंने भविष्य में आने व
ली महामारियों के खतरे को देखते हुए एक अंतरराष्ट्रीय संधि की वकालत की है। संगठन के प्रमुख का कहना है कि इस संधि पर अंतिम फैसला विश्व के देशों को अपने स्तर पर लेना है, लेकिन यदि भावी पीढ़ी को हम एक बेहतर दुनिया देना चाहते हैं तो ये संधि जरूरी है। अब भविष्य की इस संधि को लेकर आम राय बनती दिखाई दे रही है।डब्ल्यूएचओ प्रमुख का समर्थन करने वालों में 25 देश शामिल हैं। इसके अलावा कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने भी इसको सही और जरूरी बताया है। संयुक्त राष्ट्र की खबर के मुताबिक ये सहमति कुछ दिन पहले प्रकाशित एक ओपन आर्टिकल के जरिए जताई गई है। ये लेख दुनिया के कई अखबारों में प्रकाशित हुआ था जिसमें कई देशों की हस्तियों ने अपने विचार व्यक्त किए थे। इस संयुक्त लेख में कहा गया था कि कोरोना महामारी के दौर में जब तक एक भी व्यक्ति असुरक्षित है तब तक सभी लोग सुरक्षित नहीं कहे जा सकते हैं। इसमें ये भी कहा गया था कि भविष्य में इस तरह की महामारियां और स्वास्थ्य आपदाएं आ सकती हैं। इसमें ये भी कहा गया था कि भविष्य में महामारियों का एकजुट होकर पता लगाने, उनकी रोकथाम करने और उनका विश्लेषण तेजी से करने में हाई क्वालिटी का तालमेल दिखाना होगा। इस आर्टिकल में दुनिया की बड़ी हस्तियों ने अपने विचार पेश किए थे। इसमें लिखा था विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख द्वारा सुझाई गई अंतरराष्ट्रीय संधि इसी संगठन के संविधान से जन्म लेगी और इसका मकसद भविष्य में आने वाली महामारियों को रोकने के लिए सभी जरूरी उपाय करना होगा। साथ ही इसका मकसद एक ऐसी ढांचागत व्यवस्था कायम करना होगा जिसमें ये संधि अपने मकसद में कामयाब हो सके। डब्ल्यूएचओ प्रमुख के अंतरराष्ट्रीय संधि के पक्ष का समर्थन करने वालों में सेनेगल, सर्बिया, दक्षिण अफ्रीका, स्पेन, अल्बानिया, चिली, कोस्टा रीका, योरोपीय काउंसिल, फिजी, फ्रांस, जर्मनी, ग्रीस, इंडोनेशिया, इटली, केन्या, नीदरलैंड, नॉर्वे, थाईलैंड, त्रिनिदाद और टोबैगो, ट्यूनीशिया, ब्रिटेन, पुर्तगाल, कोरिया गणराज्य, रोमानिया, रवांडा और यूक्रेन के प्रतिनिधि शामिल थे। इन सभी का कहना था कि वैश्विक महामारी कोविड-19 ने दुनिया में अलग-थलग पड़ी शक्तियों के विभाजन का पूरा फायदा उठाया है, लेकिन अब इस तरह की महामारियों को इस तरह से फायदा उठाने का मौका दोबारा नहीं देना चाहिए। आज इस महामारी को लेकर पूरा विश्व एक है उनकी सोच एक है। इसका अंतरराष्ट्रीय जगत को पूरा फायदा उठाना चाहिए और भविष्य के निए काम करना चाहिए। सभी देशों को भविष्य में भी एकजुट होकर काम करना होगा वो भी बिना समय गंवाए।
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