नई दिल्ली, । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार अपने मासिक रेडियो में कहा कि कृषि क्षेत्र में आधुनिकीकरण समय की जरूरत है और पहले ही बहुत समय बर्बाद हो चुका है। मन की बात में पीएम मोदी ने पिछल
साल लगाए गए जनता कर्फ्यू का जिक्र किया और कोरोना टीकाकरण की तारीफ की। मन की बात के 75वें एपीसोड पूरा होने पर पीएम मोदी ने कहा कि 2014 में ‘हमने यह सफर शुरू किया था, लेकिन ऐसा लगता है जैसे कल ही बात हो। उन्होंने इसके लिए सभी श्रोताओं का आभार जताया। - भारत के लोग दुनिया के किसी कोने में जाते हैं तो गर्व से कहते हैं कि वे भारतीय हैं। हम अपने योग, आयुवेर्द , दर्शन क्या कुछ नहीं है हमारे पास, जिसके लिए हम गर्व करते हैं। हमें नया तो पाना है, लेकिन साथ-साथ पुरातन गंवाना भी नहीं है। हमें बहुत परिश्रम के साथ अपने आस-पास मौजूद अथाह सांस्कृतिक धरोहर का संवर्धन करना है, नई पीढ़ी तक पहुचाना है: पीएम मोदी - अभी कुछ दिन पहले हमने विश्व गोरैया दिवस मनाया। कहीं इसे चकली बोलते हैं, कहीं चिमनी बोलते हैं, कहीं घान चिरिका कहा जाता है। पहले हमारे घरों के आस-पास पेड़ों पर गोरैया चहकती रहती थी, लेकिन आज इसे बचाने के लिए हमें प्रयास करने पड़ रहे हैं: पीएम मोदी - मन की बात के दौरान, मैंने पर्यटन के विभिन्न पहलुओं पर अनेक बार बात की है, लेकिन लाइट हाउस पर्यटन के लिहाज से अनूठे होते हैं। अपनी भव्य संरचनाओं के कारण लाइट हाउस हमेशा से लोगों के लिए आकर्षण के केंद्र रहे हैं। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भारत में भी 71 लाइट हाउस की पहचान की गई है। इन सभी को उनकी क्षमताओं के मुताबिक तैयार किया जाएगा: पीएम मोदी - पिछले साल इश समय तक यह सवाल था कि कोरोना की वैक्सीन कब तक आएगी। हम सब के लिए यह गर्व की बात है कि आज भारत, दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीन अभियान चला रहा है। मैं ट्विटर-फेसबुक पर देख रहा हूं कि लोग अपने घर के बुजुर्गों को वैक्सीन लगवाने के बाद उनकी फोटो शेयर कर रहे हैं। - देश की बेटियां आज हर जगह अपनी अलग पहचान बना रही है। वे खेलों में अपनी दिलचस्पी दिखा रही है। अभी हाल ही में मिताली राज अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 10,000 रन बनाने वाली पहली भारतीय महिला क्रिकेटर बनी हैं। उन्हें इसके लिए बहुत-बहुत बधाई: पीएम मोदी - हमारे कोरोना योद्धाओं के प्रति सम्मान, आदर, थाली बजाना, ताली बजाना, दिया जलाना। आपको अंदाजा नहीं है कोरोना योद्धाओँ के दिल को कितना छू गया था। यही कारण है जो पूरे साल भर वो बिना थके, बिना रुके अपने काम में डटे रहे। - पिछले वर्ष ये मार्च का ही महीना था, देश ने पहली बार जनता कर्फ्यू शब्द सुना था, लेकिन इस महान देश की महान प्रजा की महाशक्ति का अनुभव देखिये, जनता कर्फ्यू पूरे विश्व के लिए एक अचरज बन गया था। अनुशासन का ये अभूतपूर्व उदाहरण था, आने वाली पीढ़ियां इस एक बात को लेकर के जरुर गर्व करेंगी: पीएम मोदी प्रधानमंत्री ने 28 फरवरी को वार्षिक परीक्षा में शामिल होने जा रहे छात्रों से योद्धा बनने के लिए कहा था। इस दौरान उन्होंने छात्रों से नए मंत्र एवं रोचक गतिविधि से अपडेट होने की बात भी कही। प्रधानमंत्री मोदी ने छात्रों से उत्साह के साथ परीक्षा में भाग लेने और खुशी के साथ लौटने को कहा। जनवरी में आयोजित मन की बात में, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से अपील की थी कि वे इस साल देश के 75 वें स्वतंत्रता दिवस को चिह्नित करने के लिए स्वतंत्रता सेनानियों और उनके संघर्ष की कहानियों के बारे में लिखें।
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