नई दिल्ली, । हर साल 20 मार्च को दुनियाभर में अंतरराष्ट्रीय खुशी दिवस मनाया जाता है। इस क्रम में आज अंतरराष्ट्रीय खुशी दिवस है। इसे पहली बार 2013 में मनाया गया था। जब संयुक्त राष्ट्र ने एक प्रस्ताव
पेश कर अंतरराष्ट्रीय खुशी दिवस मनाने की घोषणा की थी। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को सेहतमंद रहने के लिए हैप्पीनेस यानी खुशी के प्रति जागरूक करना है। इस साल अंतरराष्ट्रीय खुशी दिवस का थीम 'हैप्पीनेस फॉर ऑल, फॉरएवर' है यानी सदा सभी के लिए खुशी है। भारत में भी आइए, अंतरराष्ट्रीय खुशी दिवस के बारे में विस्तार से जानते हैं- अंतरराष्ट्रीय खुशी दिवस का इतिहास संयुक्त राष्ट्र संघ ने 12 जुलाई, 2012 को एक प्रस्ताव पारित कर अंतरराष्ट्रीय खुशी दिवस मनाने की घोषणा की थी। इसके बाद साल 2013 में पहली बार भूटान में विश्व खुशी दिवस मनाया गया था। इसके बाद दुनियाभर में अंतरराष्ट्रीय खुशी दिवस मनाया जाने लगा। भूटान में इस दिन राष्ट्रीय अवकाश रहता है, ताकि लोग अपने परिवार के साथ रहकर खुशियों भर पल बिता सकें। जानकारों का कहना है कि भूटान में लोग आय से अधिक खुशी को महत्व देने की कोशिश करते हैं। इसके अलावा, साल 2015 में संयुक्त राष्ट्र संघ ने गरीबी और असमानता को जड़ से मिटाने एवं पृथ्वी को बचाने का संकल्प पत्र भी पारित किया था। अंतरराष्ट्रीय खुशी दिवस का महत्व आजकल लोग तनाव भरी जिंदगी जीने को आदी हो गए हैं। लोगों के चेहरे की मुस्कराहट तनाव और अवसाद के चलते गायब होने लगी है। इससे शारीरिक और मानसिक सेहत पर बुरा असर पड़ता है। तनाव एक मानसिक विकार है। इस स्थिति में व्यक्ति काल्पनिक दुनिया में जीने लगता है। इस विकार को दूर करने के लिए अंतरराष्ट्रीय खुशी दिवस का विशेष महत्व है। यह दिन लोगों को खुश रहने के लिए जागरूक करता है। आज लोगों को भागदौड़ भरी जिंदगी में कुछ वक्त अपने परिवार के साथ कुछ वक्त गुजारना चाहिए।
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