जयवीर फोगाट, 26 Nov दिल्ली कूच से 2 दिन पहले बिना किसी नोटिस और वारंट के रात को किसान नेताओं के घर में दबिश देकर फर्जी मुकदमे बनाकर दमनकारी कार्रवाई के विरुद्ध किसानों ने माननीय हाईकोर्ट में याचि
ा दायर कर दी है। बहादुरगढ़ से प्रदेश अध्यक्ष अखिल हरियाणा न्यूनतम समर्थन मूल्य संघर्ष समिति प्रदीप धनखड़, मास्टर जयकरण मांडोठी, प्रवीण दलाल, रोहतक से भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष, जगबीर जसोला, रवि आजाद किसान न्याय यात्रा से जुड़े साथियों की गिरफ्तारी से आहत डॉ शमशेर सिंह पीड़ित किसान परिवार के नजदीकी व्यक्ति के माध्यम से जनहित याचिका बुधवार को ही दाखिल करा दी थी। इस सबका मंगल हो बनाम हरियाणा सरकार याचिका पर माननीय हाईकोर्ट ने हरियाणा पुलिस निदेशक और हरियाणा सरकार से रिपोर्ट तलब की है। 26 Nov कोही कोर्ट में सुनवाई का दिन निश्चित कर दिया गया है। किसानों के हितेषी डॉ शमशेर ने सर्वोच्च न्यायालय द्वारा DK Bassu बनाम यूनियन ऑफ इंडिया ऐतिहासिक फैसले में किसी भी किसान या आम नागरिक को बिना नोटिस और कोर्ट वारंट के केवल अंधे से के आधार पर गिरफ्तार नहीं किया जा सकता की व्यवस्था की गई थी। इस फैसले की अवमानना पर पहले से हरियाणा सरकार मुख्यमंत्री अवमानना याचिका प्रक्रिया में हाईकोर्ट के समक्ष पेश होने बाकी थे। रात के अंधेरे में किसानों के दिल्ली कूच आंदोलन को कुचलने के लिए दमनकारी नीति अपनाते हुए जिस तरीके से कानून को ताक में रखकर फर्जी केस के आधार पर गिरफ्तारियां की गई वह प्रदेश में बिना घोषणा की इमरजेंसी युग की पुनरावृति है। घर से गिरफ्तार कर सार्वजनिक जगह पर हाजिरी दिखाकर उप मंडल अधिकारी मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी के समक्ष गिरफ्तार किसान नेताओं के वकीलों को भी जमानत लेने के अवसर से एक षड्यंत्र के तहत वंचित रखा गया। बिना परिवार को सूचना और न्याय प्रक्रिया के हक को छीन कर बेकसूर लोगों को 27 तारीख तक जेलों में ठूंस दिया गया। किसान नेता प्रदीप धनखड़ हृदय रोग एवं कामरेड जयकरण मांडोठी मधुमेह के साथ अन्य गंभीर रोगों के इलाज पर थे लेकिन उनकी स्वास्थ्य जांच नहीं करा कर उनके जीवन के साथ भी खिलवाड़ किया जा रहा है। सादी वर्दी में कई शहरों में गुंडों की तरह घरों में प्रवेश कर किसान नेताओं को दबिश देकर अपराधियों की तरह घर से उठाकर गिरफ्तार करना हरियाणा में लोकतंत्र की हत्या का मार्मिक दृश्य बन के रह गया जिसकी विपक्ष ने भी कड़े शब्दों में निंदा की है। 35 ऐसे ही गिरफ्तारी आंकड़ों को माध्यम बनाकर न्याय की उम्मीद के साथ सरकार पर कानून उल्लंघन और मौलिक अधिकारों के हनन के जुर्माने की भी किसानों के अधिवक्ता प्रदीप रापड़िया ने प्रार्थना लगाई हुई है। किसी भी किसान नेता के स्वास्थ्य जान से खिलवाड़ होने की हालत में जिम्मेदारी संबंधित पुलिस अधिकारी, गुप्त चर विभाग और स्थानीय प्रशासन के सक्षम अधिकारियों की रहेगी। कोरोना महामारी की आड़ में सरकार किसानों के न्यूनतम समर्थन मूल्य कानून की मांग और किस
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