सनातन धर्म में हर माह दो बार चतुर्थी तिथि आती है। दोनों ही चतुर्थी तिथि गणेश जी को समर्पित होती है। हर माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी मनाई जाती है। इस माह यह तिथि आज है। इस दिन भ
वान गणेश की पूजा पूरे विधि-विधान के साथ की जानी चाहिए। जो व्यक्ति सच्चे मन के साथ भगवान गणेश की इस दिन पूजा करता है उसे भगवान की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इन्हें गणपति बप्पा, एकदंत, गजानन, लम्बोदर, मंगलमूर्ति, चतुर्भुज, हेरम्ब, कृपाकर आदि जैसे कई नामों से भी जाना जाता है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने का बेहद ही विशेष महत्व है। अगर आप भी आज विनायक चतुर्थी की पूजा कर रहे हैं तो यहां जानें पूजा-विधि। विनायक चतुर्थी की पूजा विधि: इस दिन गणेश जी की पूजा की जाती है। इस दिन आपको सुबह जल्दी उठना चाहिए। नित्यकर्मों से निवृत्त होकर स्नानादि कर लें। फिर साफ कपड़े पहनें। स्नान के बाद मंदिर में दीपक जलाएं और गणेश का स्मरण करें। फिर गणेश जी को पवित्र जल से स्नान कराएं। गणपति बप्पा को भी साफ वस्त्र पहनाएं। इसके बाद गणेश जी को सिदूंर का तिलक लगाएं। साथ ही दूर्वा भी चढ़ाएं। यह गणेश जी को अतिप्रिय हैं। गणेश जी को लड्डू/मोदक का भोग लगाएं। उन्हें लड्डू/मोदक बेहतर पसंद हैं इसलिए इनका भोग लगाना शुभ होता है। फिर गणेश जी की आरती करें। उनके चालीसा का पाठ भी अवश्य करें। गणेश स्तुति और गणेश मंत्र का उच्चारण भी करें। इससे बप्पा प्रसन्न हो जाते हैं।
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