एनजीटी की ग्रेप व्यवस्था को लागू करने के अधिकारियों को दिए निर्देश - प्रदूषण नियंत्रण के लिए एक्शन प्लान को सख्ती से लागू करने के दिए निर्देश - पटाखों के निर्माण, भंडारण व उपयोग करने पर (ग्रीन
पटाखे छोड़कर) पाबंदी नूंह, 22 अक्टूबर। उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा ने कहा कि सभी संबंधित विभाग स्वच्छ पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूकता के साथ इससे संबंधित कार्यों का क्रियान्वयन सही समय पर सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि एनजीटी द्वारा वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए ग्रेप व्यवस्था लागू की है। इसकी पालना हर हाल में करनी होगी। उन्होंने कहा कि 31 जनवरी 2025 तक (ग्रीन पटाखों को छोड़कर) पटाखों के निर्माण, भंडारण व उपयोग करने पर पूर्णतया रोक रहेगी। उपायुक्त ने कहा कि कि वायु प्रदूषण के निवारण के लिए सरकार द्वारा सजगता के साथ कार्य किए जा रहे हैं। पांच सौ गज से ज्यादा बड़ी साइटों पर होने वाले निर्माण को लेकर डस्ट पोर्टल पर पंजीकरण कराना अनिवार्य है। उन्होंने अधिकारियों को दिशा-निर्देश देते हुए कहा कि अधिकारी एक्शन प्लान बनाकर प्रदूषण मुक्त शहर बनाने का हर संभव प्रयास करें और मनमानी करने वालों के खिलाफ चालान करें। उपायुक्त ने कहा कि ग्रेप नियमों की कड़ाई से पालना करने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं,ताकि वायु प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके। इतना ही नहीं जरनेटर सैट के स्थान पर गैस और लिथोमोन प्रोजेक्ट का उपयोग किया जाए,जिससे वायु प्रदूषण रोकने में काफी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि सडक़ों पर उडऩे वाली धूल पर नियंत्रण के लिए संंबंधित विभागों द्वारा एंटी स्मॅाक गन को उपयोग में लाया जाए,साथ ही वायु प्रदूषण को लेकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी नियमों की कड़ाई से पालना सुनिश्चित की जाए।
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