पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी की एक इंटरनेट रैली के दौरान इमरान खान की एक तस्वीर पर उनका AI निर्मित एक ऑडियो क्लिप भाषण चलाया गया। इस ऑडियो को यूट्यूब पर 1.4 मिलियन से अधिक बार देखा गया और अन्य स
शल मीडिया पर हजारों लोगों ने लाइव देखा।ऑडियो क्लिप के जरिए इमरान खान ने समर्थकों से 8 फरवरी को होने वाले आम चुनावों में बड़ी संख्या में मतदान करने का आग्रह किया। पाकिस्तान में जल्द ही आम चुनाव होने वाले है और इसके लिए इमरान खान की पार्टी पीटीआई और नवाज शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग (पीएमएल) पार्टी चुनाव प्रचार की तैयारियों में जुट गई है। देश में आम चुनाव 8 फरवरी को होंगे। इस समय पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान जेल में बंद है और जनता से वोट मांगने के लिए वह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल कर रहे है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी की एक इंटरनेट रैली के दौरान इमरान खान की एक तस्वीर पर उनका AI निर्मित एक ऑडियो क्लिप भाषण चलाया गया। इमरान खान के इस ऑडियो को यूट्यूब पर 1.4 मिलियन से अधिक बार देखा गया और अन्य सोशल मीडिया पर हजारों लोगों ने लाइव देखा। इस ऑडियो क्लिप के जरिए इमरान खान ने समर्थकों से 8 फरवरी को होने वाले आम चुनावों में बड़ी संख्या में मतदान करने का आग्रह किया। यूट्यूब पर 1.4 मिलियन से अधिक बार देखा गया इस लाइवस्ट्रीमिंग में कई बार नेटवर्क बाधा भी आई। देश भर में उपयोगकर्ताओं ने धीमी इंटरनेट गति और थ्रॉटलिंग की शिकायत की। पाकिस्तान के दूरसंचार नियामक ने कहा कि रुकावटों की जांच की जा रही है। बता दें कि खान का भाषण एक लिखित संस्करण से तैयार किया गया था जिसे उन्होंने जेल से अनुमोदित किया था। पाकिस्तान की कार्यवाहक सरकार में सूचना मंत्री मुर्तजा सोलांगी को चुनावों की निगरानी का काम सौंपा गया है, जिन पर खान के विरोधियों को फायदा पहुंचाने का संदेह है। खान ने भाषण में कहा, 'हमारी पार्टी को सार्वजनिक रैलियां आयोजित करने की अनुमति नहीं है। हमारे लोगों का अपहरण किया जा रहा है और उनके परिवारों को परेशान किया जा रहा है। कब से जेल में बंद इमरान खान 5 अगस्त को भ्रष्टाचार के आरोप में दोषी ठहराए जाने और तीन साल की सजा सुनाए जाने के बाद से खान दर्जनों अदालती मामलों में उलझे हुए है। पिछले साल संसद में विश्वास मत से बाहर होने के बाद से 71 वर्षीय पूर्व क्रिकेट स्टार पर राजनीतिक संकट मंडरा रहा है। खान ने 2018 में पिछला आम चुनाव जीता था, उनके विरोधियों का कहना है कि यह जीत सेना की मदद से हासिल की गई थी, जो अक्सर पाकिस्तान में सरकारें बनाने और बिगाड़ने में बड़ी भूमिका निभाती है। पाकिस्तान की मुख्य जासूसी एजेंसी के प्रमुख की नियुक्ति को लेकर जनरलों के साथ मतभेद के बाद उन्होंने भी अपने निष्कासन का दोष सेना पर मढ़ा है, हालांकि सेना ने उन्हें समर्थन देने या उन्हें हटाने से इनकार किया है।
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