नई दिल्ली, इलेक्ट्रिक कार बनाने वाली कंपनी टेस्ला के सीईओ एलन मस्क अब ट्विटर Twitter News के भी मालिक बन गए हैं। एलन मस्क दुनिया के ऐसे अमीर व्यक्ति हैं, जिनकी नेटवर्थ तीन सौ अरब डालर है। इस वर्ष
मार्च के महीने में ट्विटर जैसे बड़े सोशल मीडिया प्लेटफार्म के खरीदने को लेकर वह सुर्खियों में आए थे। उस वक्त यह चर्चा चली कि अब ट्विटर को एलन मस्क खरीद रहे हैं। मस्क ने ट्विटर में अपनी गहरी दिलचस्पी दिखाई। इसके बाद मस्क का ट्विटर से मोहभंग हुआ। इस डील में नाटकीय बदलाव तब आया जब मस्क ट्विटर की डील पर राजी हो गए। यह पूरा मामला बेहद दिलचस्प है। आइए हमको आपको एक बार फिर इस मामले के तह तक ले जाते हैं। आखिर एलन मस्क ने ट्विटर को कितने बिलियन में खरीदा। इसकी पूरी प्रक्रिया कैसे संपन्न हुई। अदालत में यह विवाद क्यों पहुंचा। 1- 14 अप्रैल को अरबपति मस्क ने सार्वजनिक तौर पर घोषणा की वह ट्विटर को पूरी तरह से खरीदना चाहते हैं। मस्क में इसके लिए ट्विटर कंपनी को 44 अरब डालर का प्रस्ताव दिया। शुरुआत में ट्विटर के बोर्ड ने यह प्रस्ताव ठुकरा दिया। इतना ही नहीं मस्क को जबरन कंपनी खरीदने से रोकने के लिए पायजन पिल जैसी नीति का सहारा भी लिया। हालांकि, इस मामले में नाटकीय मोड़ आया ट्विटर बोर्ड ने 25 अप्रैल को घोषणा कर दी कि उन्होंने मस्क के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। ट्विटर की 44 बिलियन डालर में खरीदने की डील फाइनल हुई। इसके बाद मस्क उत्साह से भर गए। 2- इस दौरान एलन मस्क ने ट्विटर पर फ्री स्पीच (स्वतंत्र भाषण) को लेकर एक ट्वीट किया। मस्क ने कहा कि ट्विटर अपना रास्ता भटक गया है। उन्होंने कहा कि अक्सर ट्विटर बोलने की आजादी पर प्रतिबंध लगाता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि ट्विटर पर फ्री स्पीच के लिए जगह बनना चाहिए। इसके बाद मस्क ने ट्विटर को टेकओवर करने की प्रक्रिया पूरी की। ट्विटर के सीईओ समेत कई वरिष्ठ अधिकारियों को हटा दिया गया। 3- हालांकि, इस सौदे के तीन महीने बाद मस्क की दिलचस्पी ट्विटर से समाप्त हो गई। जुलाई में यह सौदा करीब-करीब रद होने के कगार पर पहुंच गया। 8 जुलाई को मस्क ने ऐलान कर दिया कि वह इस सौदे से पीछे हटना चाहते हैं। आखिर एलन मस्क को ट्विटर से क्यों मोहभंग हुआ, इसकी पुख्ता जानकारी नहीं है। हालांकि, अदालत में मस्क ने ट्विटर पर असली यूजर्स को लेकर सवाल उठाए थे। मस्क के इस कदम के बाद ट्विटर ने भी पलटवार किया। ट्विटर प्रबंधन ने कहा कि शर्तों के अनुसार मस्क अब कंपनी खरीदने के लिए कानूनी रूप से बाध्य हैं। मस्क के पास इस डील से पीछे हटने का अब कोई विकल्प नहीं बचा है। 4- इसके बाद यह मामला अदालत की दहलीज तक जा पहुंचा। डेलावेयर की एक अदालत ने 17 अक्टूबर को इस पर सुनवाई की तारीख मुकर्रर की। इसी दिन यह तय होना था कि मस्क पर ट्विटर खरीदने के लिए दबाव बनाया जा सकता है। अदालत में ट्विटर प्रबंधन ने यह दलील पेश की उसने अपने प्लेटफार्म पर मौजूद असली यूजर्स के बारे में एलन मस्क को जानकारी मुहैया करा दी है। उधर, एलन मस्क के वकील का तर्क था कि माइक्रोब्लांगिंग साइट पर ट्विटर के दावे से कई गुना अधिक बोट्स हैं। मस्क ने ट्विटर पर फर्जीवाड़े का आरोप भी लगाया। अदालत में इस तरह की दलीलों से ट्विटर की निंदा कंपनी के लिए नुकसानदेह साबित होने लगी। खासकर तब जब ट्विटर की आमदनी का सबसे बड़ा जरिया विज्ञापन से आता है। ऐसे में यह सवाल खड़े होने लगे कि आखिर ट्विटर के पास असली यूजर्स कितने हैं। 5- इसके बाद स्थितियों में फिर से बदलाव आया। ट्विटर पर विवादों में घिरने वाले एलन मस्क ने अचानक से यह ऐलान किया कि वह सौदे पर आगे बढ़ने के लिए राजी हैं। एलन मस्क के पास इस डील को पूरा करने के लिए 28 अक्टूबर तक का समय था। आखिरकार मस्क ने भी नहीं-नहीं करते इस सौदे को फाइनल कर लिया। ट्विटर ने इस पूरे मामले में बेहद शांतिपूर्ण तरीके से अपनी प्रतिक्रिया दी। इस लंबे ड्रामा के बाद मस्क ने आखिरकार एलान कर दिया कि ट्विटर को खरीदने की उनकी डील पूरी हो गई। मस्क ने यह खबर खुद ट्विट पर दी। उन्होंने खुद को चीफ ट्विट बताया। मस्क ने एलान किया कि चिड़िया अब आजाद हो गई है। 6- उधर, मस्क ने अपने संभावित विज्ञापन दाताओं को बेहद विनम्रता के साथ एक संदेश दिया है कि ट्विटर डील का मकसद मानवता की मदद करना है। उन्होंने अपने संदेश में लिखा कि, मैं चाहता हूं कि इस सभ्यता के पास एक डिजिटल टाउन स्क्वायर हो। उन्होंने अपने संदेश में यह आशंका जाहिर है कि यह भी हो सकता है कि वह अपने इस मिशन में फेल हो जाए। उनके इस संदेश से साफ है कि वह फिलहाल ट्विटर के डिजिटल विज्ञापन माडल को बनाए रखना चाहते हैं। हालांकि, इन विवादों के बाद गूगल की कंपनी अल्फाबेट और फेसबुक की कंपनी मेटा की तरह ट्विटर की कमाई में गिरावट शुरू हो गई है। 7- खास बात यह है कि इस सौदे की आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। ट्विटर मुख्यालय ने इसे लेकर चुप्पी साध रखी है। इसके पीछे यह कहा जा रहा है कि इस बारे में ई-मेल भेजने वाला कोई नहीं है। ट्विटर कंपनी के चेयरमैन ब्रेट टेलर का लिंक्ड-इन प्रोफाइल बदल चुका है। उनकी लिंक्डइन प्रोफाइल से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि अब वह ट्विटर कंपनी के चेयरमैन नहीं हैं। यह भी खबर है कि ट्विटर की सीईओ पराग अग्रवाल, चीफ फाइनेंशियल आफिसर नेड सीगल और लीगल और पालिसी एक्जीक्यूटिव वियय गड्डे को कंपनी से हटा दिया गया है।
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