नई दिल्ली, एजेंसी। बलूचिस्तान (Balochistan) के इतिहास में आए बाढ़ के कारण पैदा हुए हालातों में यह सबसे खराब है। वर्तमान में यह इलाका पाकिस्तान से कट गया है। साथ ही यहां का इंटरनेट और मोबाइल कम्युनिकेश
न पूरी तरह से तबाह हो गया था। भारी बारिश के के कारण सभी हाइवे, पुल और रेल ट्रैक बह गए। इस बीच पाकिस्तान ने इमरजेंसी की घोषणा कर दी और वैश्विक समुदाय से डोनेशन के लिए अपील किया। दरअसल बाढ़ ने इस बार 30 साल पुराना रिकार्ड तोड़ दिया है। पाकिस्तान सरकार ने लोगों से घर में ही रहने को कहा है। द नेशन के अनुसार बलूचिस्तान में बाढ़ के कारण 237 लोगों की मौत हो गई। वहीं बारिश और बाढ़ से 29,818 मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं। बाढ़ के कारण पिछले कुछ दिनों से यहां के सभी शिक्षण संस्थान बंद हैं। पाकिस्तान के बाढ़ प्रबंधन की जमकर आलोचना हो रही है। बलूचों का कहना है कि प्राकृतिक आपदा का सामना करने के लिए राहत के नाम पर काफी कम काम हुआ है। इसके लिए कईयों ने पाकिस्तानी सरकार और सेना पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। यूरोप मूल के बलूच मानवाधिकार परिषद के जनरल सेक्रेटरी (BHRC) कंबर मलिक बलूच (Qambar Malik Baloch) ने पाकिस्तान की खूब निंदा की। द नैरेटिव को दिए गए एक साक्षात्कार के दौरान उन्होंने कहा, 'हालात से निपटने के लिए सरकार के पास कोई योजना नहीं है।' हालांकि सरकार ने बाढ़ को लेकर बयान जारी किए हैं उदाहरण के लिए प्रभावित इलाकों से बचाए गए लोग और उन्हें मुहैया कराई सुविधाएं जो काफी कम पैमाने पर है। बलूचों का कहना है कि जिस तरह के खराब हालात हैं उसके मद्देनजर दिए जाने वाले राहतकार्य काफी कम हैं।
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