हेल्दी और फिट रहना है, तो डाइट में ज़रूर लें ये 5 देसी सुपरफूड्स!

Khoji NCR
2022-04-22 08:41:37

नई दिल्ली, सेहतमंद शरीर और फिट रहने के लिए लोग अक्सर एक जादुई दवाई की तलाश में रहते हैं, जिसे खाते ही उनकी ज़िंदगी बदल जाए। हालांकि, सेहतमंद और फिट रहने के लिए हमें आसान सी आदतों और डाइट प्लान को

फॉलो करने की ज़रूरत होती है। अच्छी बात यह है कि भारतीय किचन में ऐसी कई चीज़ों मौजूद हैं, जो आपकी सेहत को बढ़ावा देने के साथ आपको फिट रखेंगी। आपने केल, चिया सीड्स, किनुआ और ऐवकाडो जैसी चीज़ों का नाम ज़रूर सुना होगा, जिन्हें सेहत के लिए बेहतरीन माना जाता है, लेकिन यह आपकी जेब पर भारी पड़ती हैं। यानी आप इनका सेवन रोज़ाना नहीं कर सकते। इसलिए आज हम आपको बता रहे हैं 5 देसी सुपरफूड्स के बारे में जिनका सेवन महंगा नहीं है और आपको स्वस्थ जीवन दे सकता है। मीडियम-चेन ट्राइग्लिसराइड्स, फाइबर और लॉरिक एसिड से भरपूर नारियल आपके मेटाबॉलिज्म को तेज करने के लिए एक बेहतरीन सुपरफूड है। ऐवकाडो जिसे काफी हेल्दी माना जाता है, की तरह ही नारियल में भी पोटैशियम, मैग्नीशियम होता है, जो आपके दिल के स्वास्थ्य का सपोर्ट करता है। साथ ही इसमें ज़िंक और आयरन भी होता है, जो आपके बालों को खूबसूरत बनाते हैं। नारियल में मौजूद लॉरिक एसिड में एंटी-वायरल, एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो विशेष रूप से मौसम के बदलने के दौरान आपकी प्रतिरक्षा को मज़बूत रखते हैं। नारियल में मौजूद फैटी एसिड अच्छे कोलेस्ट्रोल को बढ़ावा देने का काम करते हैं। इसके अलावा अगर आप पेट से संबंधित समस्याओं से जूझ रहे हैं, तो नारियल इसमें भी आपकी मदद कर सकता है। 2. कीनुआ की जगह राजगिरा राजगिरा को अंग्रेज़ी में ऐमरैन्थ कहा जाता है। राजगिरा एक ऐसा अनाज है जो सबसे ज़्यादा पौष्टिक है। क्विनोआ की तरह, यह प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत है और महंगा भी नहीं है। वीगन और शाकाहारी लोगों के लिए यह आयरन का एक अच्छा स्त्रोत है। इसमें मैग्नीशियम की भी अच्छी मात्रा होती है, जो एनर्जी के स्तर को बढ़ाने और कमज़ोरी से लड़ने का काम करती है। 3. सब्ज़ा शाकाहारी लोगों के लिए पोषक तत्व का पावरहाउस, सब्ज़ा के बीज को आमतौर पर मीठी तुलसी के बीज के रूप में भी जाना जाता है। गर्मियों में भीगे हुए सब्ज़ा को ठंडक के लिए कई ड्रिंक्स में इस्तेमाल किया जाता है। फाइबर के एक समृद्ध स्रोत के रूप में, सब्ज़ा रक्त शर्करा के स्तर को कंट्रोल में रखता है और पेट को भरा रखता है। भीगा हुआ सब्ज़ा प्रोबायोटिक की तरह काम करता है, जो पेट की सेहत को बढ़ावा देता है। 4. कोमबुचा की जगह कांजी कांजी को लाल गाजर, काली गाजर, चुकंदर और सरसों के बीच से तैयार किया जाता है। इसके कई दिनों तक धूप में रखा जाता है, ताकि इसमें मौजूद बैक्टीरिया और यीस्ट मिलकर इसे फर्मेंट कर दें। यह एक प्रोबायोटिक ड्रिंक होती है, जो हमारी आंत की सेहत के लिए अच्छी मानी जाती है। यदि आप सोच रहे हैं कि प्रोबायोटिक्स का वास्तव में क्या मतलब है, तो वे जीवित बैक्टीरिया होता हैं, जिनका सेवन किण्वित खाद्य पदार्थों के माध्यम से किया जाता है और कई स्वास्थ्य लाभ के साथ आते हैं। 5. केल की जगह मोरिंगा पश्चिमी देशों में अब मोरिंगा या सहजन के पत्तों को खूब इस्तेमाल किय जा रहा है, जो वर्षों से हमारे घरों के आंगन में लगा हुआ है! सहजन के पेड़ का हर हिस्सा खाने में इस्तेमाल किया जा सकता है। चाहे बीज हों, पत्तियां या फिर तना। सहजन की फलियों का इस्तेमाल अक्सर सांबर या दाल में किया जाता है, लेकिन इसकी पत्तियां पोषक तत्वों का भंडार हैं। इनमें आयरन, सेलेनियम, विटामिन-ए, विटामिन-ई और ओमेगा-3 होता है, यह सभी चीज़ें इम्यूनिटी को बढ़ाने का काम करती हैं। मोरिंगा में केल के मुकाबले दोगुना प्रोटीन, तीन गुना आयरन होता है।

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