हथीन/माथुर : राजकीय कन्या माध्यमिक स्कूल मंडकोला में महर्षि दयानंद का प्रकाशोत्सव पर्व मनाया गया। जिसमें आचार्य राजेश ने कहा कि महर्षि दयानंद युगपुरुष नहीं बल्कि युग युग के पुरुष थे। आज दे
उनका ऋणी रहेगा। जिन्होंने वेदों को जर्मनी से लाकर के भारत में पुनः स्थापित किए। ऐसे नवजागरण के पुरोधा महर्षि दयानंद रहे। वैदिक धर्म के प्रचार प्रसार लेखन में अपना जीवन लगाया। उन्होंने आर्य समाज की स्थापना करके पूरे विश्व को आर्य बनाओ का संदेश दिया। आचार्य राजेश ने बताया महर्षि दयानंद ने सती प्रथा, बाल विवाह, विधवा पुनर्विवाह, जाति प्रथा, शुद्धीकरण के लिए अनेकों आंदोलन चलाए। जिनमें वह सफल रहे महर्षि दयानंद ने समाज में फैली कुरीतियां का घोर विरोध किया। धार्मिक आडंबर, अंधविश्वास और पाखंड वाद पर हमेशा घोर विरोधी रहे। उन्होंने फलित ज्योतिष को पाखंडवाद का ग्रंथ बताया। महर्षि दयानंद जिन्होंने वेदों की ओर लौटो का संदेश पूरी दुनिया को देकर भारत में दोबारा से प्रकाश फैलाया। भारतीय संस्कृति और सभ्यता के लिए महर्षि दयानंद ने कहा "स्वराज्य के सभी क्यों नहीं हो विदेशी शासन से 100 गुना अच्छा होता है"। स्वामी दयानंद से प्रेरित व्यक्ति सर्वश्री व्यक्ति बाल गंगाधर तिलक, लाला लाजपत राय, स्वामी श्रद्धानंद, पंडित लेखराम, राम प्रसाद बिस्मिल, ठाकुर रोशन सिंह,लाला हरदयाल, लाला हंसराज, विनायक दामोदर सावरकर, मैडम कामा, चौधरी छोटूराम, पंडित गुरुदत्त विद्यार्थी, मदन लाल ढींगरा हजारों देशभक्तों ने स्वतंत्रता संग्राम में योगदान दिया। महर्षि दयानंद के बारे में बताते हुए आचार्य राजेश ने कहा महर्षि दयानंद ने सत्यार्थ प्रकाश नामक ग्रंथ देकर के लोगों के जीवन का उदय किया जिन्होंने सत्यार्थ प्रकाश को पड़ा है और समझा है उनका जीवन बदल गया। महर्षि दयानंद वेदों पर अपना अनुवाद किया। भारत में प्रचार प्रसार के लिए आर्य समाज की महत्वपूर्ण भूमिका रही। उन्होंने बताया कि आर्य समाज कोई संप्रदाय, मजहब या धर्म नहीं है वह दुनिया को "मनुर्भव" मानव बनो का संदेश देता है, ऐसे क्रांतिकारियों का संगठन जो देश के लिए अच्छे कार्य करता है। वहीं स्कूल के हेडमास्टर राजकुमार ने बताया कि महर्षि दयानंद ने आर्य समाज की स्थापना करके पंच महायज्ञ और नारी शिक्षा के उत्थान के लिए अनेकों गुरुकुल खुलवाएं और शूद्र और नारी को वेद पढ़ने का अधिकार पुनः स्थापित किया। क्रांतिकारियों का पंचांग भी भेंट किया गया। इस अवसर पर नत्थी राम, प्रदीप, जितेन्द्र आशुलिपिक, नरेंद्र गौतम, राजरानी, मीणा, इंदु, अंजू मैडम विमलेश आदि उपस्थित रहे।
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