सोहना बाबू सिंगला बाबा गोवर्धन महाराज के पावन अवसर पर रात्रि के समय परिजनों ने मिलकर पूजा की उसके साथ ही लोग अपने घरों में गाय भैंस के गोबर से गोवर्धन बाबा सौंदर्य करण के रूप में बनाते हैं गोव
्धन बाबा की पूजा अर्चना के लिए परिजन सुबह से ही तैयारी करने की शुरुआत कर देते हैं गोवर्धन बाबा पूजा अर्चना के लिए परिवार के सभी सदस्य जिसमें महिलाएं भी शामिल होती है पुरानी हिंदू रीति रिवाज अनुसार पूजा अर्चना करने के समय गोवर्धन बाबा की 7 बार परिक्रमा लगाकर पूजा अर्चना करते हैं सभी सदस्य खिल बताशे पूजा अर्चना के समय गोवर्धन बाबा को चढ़ाकर धोक लगाते हैं तथा आतिशबाजी चलाकर खुशी व्यक्त करते हैं इसी प्रकार गोवर्धन पावन त्यौहार के अगले दिन भैया दोज पर बहन अपने भाई को मिठाई खिलाती है यह पावन त्यौहार बहन भाई के लिए जीवन में अटूट बंधन की तरह खुशहाली लाती है जिस प्रकार रक्षाबंधन के अवसर पर बहन अपने भाई के हाथ में रखी बांधकर खुशी मनाती हैं ठीक उसी प्रकार भैया दूज भी बहनों और भाइयों के लिए बहुत ही जीवन में प्रेरणा भरा त्यौहार होता है सभी त्यौहार लोगों के लिए परिवार में खुशियां लाना तथा एक साथ मिलकर रहना जीवन में तरक्की के रास्ते खुले हुए मिलते हैं ऐसा होने से व्यक्ति जीवन में कभी परेशान व दुखी नहीं रह सकता व्यक्ति को जीवन में खुशहाली व तरक्की के रास्ते पर चलना है तो उन्हें उपरोक्त को अपनाना चाहिए जिससे लोगों को भी जागरूक होने का संदेश मिल पाए
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