मुंबई। उत्तर महाराष्ट्र कभी भारतीय जनता पार्टी का मजबूत गढ़ हुआ करता था। लेकिन पिछले लोकसभा चुनाव में प्याज निर्यात पर प्रतिबंध के निर्णय ने किसानों और प्याज व्यापारियों को ऐसा नाराज किया
ि इस क्षेत्र ने भाजपा को खून के आंसू रुला दिए। अब प्याज निर्यात से प्रतिबंध हटाया जा चुका है। भाजपा और शिवसेना मिलकर इस बार अपनी पुरानी जमीन हासिल करने का प्रयास कर रहे हैं। लोकसभा में दिखी थी किसानों की नाराजगी कभी उत्तर महाराष्ट्र उसके अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) वोटबैंक के जरिए उसका मजबूत गढ़ हुआ करता था। गोपीनाथ मुंडे और एकनाथ खडसे जैसे ओबीसी नेताओं का अच्छा जनाधार था। भाजपा अपने माधव समीकरण (माली, धनगर, वंजारी) के कारण इस क्षेत्र पर अपना प्रभाव रखती थी। लेकिन 2014 में गोपीनाथ मुंडे के असामयिक निधन के बाद इस समीकरण को झटका लगा। इसके बाद 2019 में भाजपा ने मुक्ताई नगर से वरिष्ठ नेता एकनाथ खडसे का टिकट काटकर ओबीसी को और नाराज करने का काम किया।
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