नई दिल्ली, आस्ट्रेलिया की सरकार ने भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन को मान्यता दे दी है। भारत में आस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त बैरी ओ'फेरेल एओ ने इसकी जानकारी दी है। उनके मुताबिक, आस्ट
रेलियाई सरकार ने यात्रियों के टीकाकरण स्टेटस के उद्देश्य से भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को मान्यता दे दी है। इसका मतलब हुआ कि अब कोई भी यात्री जिसने कोवैक्सीन की डोल ली तो वह बेहिचक आस्ट्रेलिया की यात्रा कर सकता है। जी20 के मंच से पीएम मोदी ने की कौवैक्सीन की पैरवी पीएम मोदी (PM Modi) ने रोम में जी 20 शिखर सम्मेलन में कहा कि भारत अगले साल के अंत तक 5 अरब वैक्सीन खुराक का उत्पादन करने के लिए तैयार है। विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने प्रधानमंत्री का हवाला देते हुए कहा कि वैक्सीन की खुराक बड़े पैमाने पर दुनिया को उपलब्ध कराई जाएगी। साथ ही कहा कि हम ये भी मानते हैं कि कोवैक्सीन (Covaxin) के लिए WHO का आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण अन्य देशों की सहायता करने की इस प्रक्रिया को सम्मानित करेगा। Covaxin को हैदराबाद की Bharat Biotech कंपनी ने विकसित किया है। 9 जुलाई को पहली बार वैक्सीन से संबंधित डाटा WHO भेजा गया था और वैक्सीन के Emergency Use की मंजूरी मांगी गई थी। इस प्रक्रिया में ज्यादा से ज्यादा 6 से 9 हफ्तों का समय लगता है। यानी अगर आज किसी कंपनी ने अपनी वैक्सीन का डेटा जमा कराया है तो WHO 6 से 9 हफ्तों में ये बता देता है कि उस वैक्सीन को आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिलेगी या नहीं। इस हिसाब से Covaxin को अगस्त या सितंबर महीने तक इस्तेमाल की इजाजत मिल जानी चाहिए थी, लेकिन आज 111 दिन बीत जाने के बाद भी इस पर कोई फैसला नहीं हो पाया है।
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