धारा-7 ए के कारण कालका तहसील में छोटे प्लाटों की रजिस्ट्री नहीं होने से सरकार को करोड़ों रुपये का हो रहा राजस्व का घाटा : घनश्याम चौधरी।

Khoji NCR
2021-10-26 09:11:27

खोजी/सुभाष कोहली कालका। हरियाणा सरकार की और से नवंबर 2020 में लागू धारा -7 ए के चलते नगरीय क्षेत्र में रजिस्ट्री पर रोक से लोग परेशान हैं, लोग आर्थिक मंदी का शिकार हो रहे हैं। यह कहना है स्थानीय सम

जसेवी घनश्याम दास चौधरी का। चौधरी का कहना है कि धारा-7 ए के कारण कालका तहसील में छोटे प्लाटों की रजिस्ट्री नहीं हो पा रही है, जिस कारण सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व का घाटा हो रहा है। वहीं दूसरी तरफ रजिस्ट्री बंद होने की वजह से लोगों को आर्थिक तंगी से गुजरना पड़ रहा है। शिवालिक और बैकवर्ड एरिया होने पर ऐसी धारा लगाकर लोगों को परेशान करना, क्या जायज है। जिस जिमीदार ने अपनी बेटी की शादी करनी है या कोई हॉस्पिटलाइज है तो वह थोड़ी अपनी जमीन बेचकर ही काम चलाता था, क्योंकि यहां पर कोई और व्यवसाय तो है नहीं। जो व्यक्ति अपने बच्चों को पढ़ाना चाहता है, एडमिशन करवाना चाहता है तो वह अपनी कुछ प्रॉपर्टी लोगों को सेल कर अपना काम चलाते थे। चौधरी का कहना है कि आज तक कालका के इतिहास में ऐसी कोई धाराएं नहीं लगी थी, जिससे आमजन परेशान हो। जरूरत पड़ने पर लोग अपनी ही जमीन नहीं बेच सकते, यह कहां का कानून है। इस एक्ट के अनुसार जहां एक तरफ 1 एकड़ से कम की कोई क्रय, विक्रय, पट्टा अथवा उपहार सम्बंधित दस्तावेजों के पंजीकरण नही हो रहा, तो वहीं छोटे प्लाट की रजिस्ट्री भी नही हो रही है। ऐसा होने से अब लोगों के लिए बड़ी दिक्कत खड़ी हो गई है। अधिकतर लोग गरीब, रिटायर्ड व माध्यम वर्गीय परिवारों से हैं, जिन्होंने अपनी जीवन की पूरी पूंजी लगाकर रहने के लिए आशियाना बनाए हैं। ऐसे में अब रजिस्ट्रियां न करने के कानून को लागू करना गलत है। चौधरी ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल से अपील की है कि शीघ्र ही धारा 7 ए खत्म करवाकर लोगों को राहत दिलवाई जाए।

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