सोहना अशोक गर्ग करवा चौथ का पावन त्यौहार महिलाओं के लिए खुशी भरा होता है इस पावन त्यौहार पर महिलाएं अपने पति के लिए व्रत रखती है जब तक की रात्रि के समय उन्हें चंद्रमा नहीं दिखता है तथा पति के ख
ना खाने से पहले वह भोजन नहीं करती चंद्रमा दिखाई देने पर छलनी के माध्यम से चंद्रमा को देखकर जल अर्पित करती है और भगवान से प्रार्थना करती है कि हमारे पति की आयु ज्यादा से ज्यादा बनी रहे और परिवार में खुशियां रहे यही पत्नी पति के लिए दुआएं मांगती है करवा चौथ महिलाओं के लिए सबसे बड़ा वर्त माना जाता है इस दिन महिलाएं जब तक चंद्रमा नहीं निकलता है कुछ भी नहीं खाती थी यह सबसे बड़ा वर्त माना गया है महिलाएं इस दिन अपने पति के लिए ज्यादा से ज्यादा उम्र बनी रहे तथा वह सुहागन रहे यही उनकी मन्नत होती है इसी दिन पति वरता का पावन त्योहार माना गया है महिलाएं बाजारों में पहुंचकर ब्यूटी पार्लर पर अपने आप को सजाने के लिए मेहंदी लगवाने के लिए काफी देर तक इंतजार करती है क्योंकि मेहंदी लगाने वाले लोगों पर महिलाओं की ज्यादा भीड़ बनी रहती है यह दिन महिलाओं के लिए खुशी भरा दिन होता है जिस प्रकार दीपावली के पावन अवसर पर सभी लोगों को ज्यादा से ज्यादा खुशी का इजहार होता है ठीक उसी प्रकार महिलाओं के लिए करवा चौथ का दिन सबसे बड़ा अहम दिन होता है बाजारों में करवा चौथ के पावन त्यौहार पर महिलाओं की खरीदारी के लिए ज्यादा भीड़ देखने को मिलती है व्यापारी वर्ग जिस प्रकार दिवाली पर ज्यादा से ज्यादा कमाई करने की उम्मीद रखते है ठीक उसी प्रकार करवा चौथ के अवसर पर व्यापारी वर्ग महिलाओं द्वारा खरीदारी करके कमाई करने की उम्मीद करता है करवा चौथ के अवसर पर शहर में व्यापारी वर्ग जिसमें कपड़े की दुकान ज्वेलर्स की दुकान मेहंदी लगाने वालों की दुकान आदि दुकानों पर भारी भीड़ बनी रही
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