आमिर खान के दिवाली वाले एड पर मचा बवाल, बीजेपी नेता बोले- कभी मुसलमानों को भी दो नसीहत

Khoji NCR
2021-10-22 08:52:42

नई दिल्ली, । हर तरफ टी 20 क्रिकेट वर्ल्ड कप की चर्चा है, इसे लेकर टीवी पर विज्ञापनों का दौर शुरू हो चुका है। इसी बीच सड़क पर पटाखा ना फोड़ने की अपील को लेकर बॉलीवुड एक्टर आमिर खान का भी एक विज्ञापन

सामने आया है। आमिर के लिए ये एड मुसीबत का सबब बन गया है। सोशल मीडिया पर आमिर को बुरी तरह ट्रोल किया जा रहा है। अब कर्नाटक से बीजेपी के सांसद अनंतकुमार हेगड़े ने भी उनके विरोध में एक पत्र लिखा है। हिंदुओं की भावनाओं से खिलवाड़ बताया अनंतकुमार हेगड़े ने आमिर के इस विज्ञापन को हिंदुओं की भवनाओं से खिलवाड़ बताया है। उन्होंने आपत्ति जताते हुए टायर कंपनी के प्रबंध निदेशक और सीईओ अनंत वर्धन गोयनका को पत्र लिखा है। बीजेपी सांसद ने पत्र में लिखा है कि 'हम आशा करते हैं कि भविष्य में कंपनी हिंदुओं की भावनाओं का सम्मान करेगी और उन्हें आहत नहीं करेगा, क्योंकि इस तरह के विज्ञापन हिंदुओं में अशांति पैदा कर रहे हैं। 14 अक्टूबर को लिखे इस पत्र में हेगड़े ने यह भी लिखा है, 'कंपनी को नमाज के नाम पर सड़कों को अवरुद्ध करने और अजान के दौरान मस्जिदों से होने वाले ध्वनि प्रदूषण की समस्या का भी समाधान करना चाहिए।' सोशल मीडिया पर भी इसे लेकर लोग अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। बीजेपी नेता ने लिखा पत्र हेगड़े ने पत्र में आगे कहा, 'आपकी कंपनी का हालिया विज्ञापन, जिसमें आमिर खान लोगों को सड़कों पर पटाखे ना फोड़ने की सलाह देते हैं, एक अच्छा संदेश दे रहे हैं. सार्वजनिक मुद्दों के प्रति आपकी चिंता के लिए तालियों की जरूरत है। इस संबंध में, मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि सड़कों पर लोगों के सामने आने वाली एक और समस्या का समाधान करें। मुसलमानों से कहिए कि वे शुक्रवार और अन्य महत्वपूर्ण उत्सव के दिनों में नमाज के नाम पर सड़कों को अवरुद्ध न करें।' विज्ञापन को दिया धार्मिक एंगल अनंतकुमार हेगड़े ने इसे लेकर एक फेसबुक पोस्ट भी लिखा। जिसमें कहा, 'कई भारतीय शहरों में यह एक बहुत ही आम दृश्य है, जहां मुसलमान व्यस्त सड़कों को अवरुद्ध करते हैं और नमाज अदा करते हैं और उस समय, वाहन, एम्बुलेंस और अग्निशामक यातायात जाम में फंस जाते हैं, जिससे गंभीर नुकसान होता है। हमारे देश में हर दिन अजान देते समय मस्जिदों के ऊपर लगे माइक से तेज आवाज निकलती है। शुक्रवार को, मस्जिदों में नमाज लंबी होती है। यह उन लोगों के लिए एक बड़ी असुविधा है, जिन्हें स्वास्थ्य संबंधी समस्या है, जो आराम कर रहे हैं और पढ़ा रहे हैं।'

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