-दिन भर ठंड से ठिठुरे लोग-लोग अलाव जलाकर कर रहे है ठंड से अपना बचाव-घने कोहरे से सरसो को नुकसान-गेहूं को लाभ-कोहरे के कारण सरसो की फसल में लग सकता है चेपा सोहना,(उमेश गुप्ता): अरावली पर्वत से घिरे स
ोहना में बृहस्पतिवार को दिन में भी घना कोहरा छाया रहा। जिससे ठंड बढ़ गई। घने कोहरे और पड़ रही तेज ठंड से लोग ठिठुर रहे है। सोहना और आसपास क्षेत्र में इतना गहरा कोहरा छाया कि सुबह उठने पर लोगों ने आसपास सभी स्थानों को कोहरे की सफेद चादर से ढका पाया। घने कोहरे और तेज धुंध से आम जनजीवन और भी प्रभावित हो गया है। पहाड़ी इलाकों में हो रही बर्फबारी व बारिश के चलते यहां क्षेत्र में ठिठुरन ज्यादा बढ़ गई है। कोहरे के बीच तेज बर्फीली हवाएं सितम ढा रही है। यहां पर बृहस्पतिवार को न्यूनतम तापमान 5 और अधिकतम तापमान 19 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। आगामी दिनों में सर्दी और ज्यादा बढऩे की संभावना ज्यादा बताई जा रही है क्योकि जम्मू कश्मीर, हिमाचल व उत्तराखंड की पहाडिय़ों पर हो रही बर्फबारी के कारण वहां से आ रही बर्फीली हवाओं से क्षेत्र में शीतलहर का प्रकोप बढ़ गया है। देखने में आ रहा है कि यहां पड़ रही तेज ठंड और घने कोहरे का असर यातायात पर पड़ा है। दिन के वक्त भी दोपहिया वाहन चालक स्कूटी-मोटरसाइकिलों को चलाने से परहेज बरत रहे है तो चार पहिया वाहन चालक वाहनों की अगली, पिछली लाइट जलाकर रेंग-रेंगकर सडक़ पर चलने को मजबूर है। यहां पर बीती रात से एकाएक बढ़ी ठंड ने जनजीवन बुरी तरह प्रभावित किया है। ऐसे में ठंड के तेवर और ज्यादा तेज हो जाने से किसी भी उम्र के लोगों के लिए घरों से बाहर निकलना आसान नही रह गया है। लोग घने कोहरे, तेज धुंध और चल रही सर्द हवाओं से बचने के लिए ओढऩे पहनने के साथ अलाव जलाकर ठंड से बचाव कर रहे है। यहां के चिकित्सक लोगों को इन दिनों विशेष एहतियात बरतने की सलाह दे रहे है। तापमान में भी 5 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आने से पारा लुढक़ गया है। ठंडी हवाओं के चलते लोग परेशान है। बुजुर्ग और बच्चे शाम ढलते ही घरों में रजाई ओढक़र दुबके नजर आते है। ठंडी हवाएं होने से ठिठुरन बढ़ गई है। ऐसे में सबसे ज्यादा परेशानी दोपहिया वाहन चालकों को हो रही है। दिन में भी वाहन लाइट जलाकर बहुत ही धीमी गति से चल रहे है। डाक्टर शशिकांत, लोकेश सिंगला, राहुल अग्रवाल, हेमंत आर्य, कर्मपाल बोकन, लोकेश गुर्जर बेरका का कहना है कि तेज कोहरा छाने से ठंड ज्यादा बढ़ गई है। ऐसे में वाहनों की रफ्तार थम सी गई है। लाइटें जलाकर भी वाहन बहुत ही धीमी गति से चल पा रहे है। बर्फीली सर्दी से गलन महसूस हो रही है। कोहरे के साथ प्रदूषण भी बढ़ रहा है। कोहरे से दिन में भी अंधेरा सा छाया है। वही क्षेत्र में सुबह के वक्त बढ़ रहे कोहरे के कारण किसानों के चेहरे पर फिर चिंता की लकीरे नजर आती है। किसानों का कहना है कि अगर कोहरा इसी तरह बना रहा तो सरसो की फसल को नुकसान हो सकता है जबकि घना कोहरा गेहूं के लिए बहुत ही फायदेमंद है क्योकि सर्दी व घना कोहरा बढऩे से गेंहू की फसल काफी अच्छी होगी। पिछले साल इस समय तक सर्दी ना होने पर फसल को उचित समय पर ठंड नही मिल पाई थी लेकिन इस बार समय पर सर्दी व कोहरा बढ़ गया है। रात के वक्त घना पाला पड़ रहा है, जो गेंहू की फसल के लिए बहुत ही फायदेमंद है। गेंहू की फसल की पकाई घने पाले व सर्दी पर ही निर्भर है। सर्दी में ही गेंहू की फसल की लंबाई बढ़ती है। अच्छी बात ये है कि इस बार सही समय पर ही सर्दी बढ़ गई है। किसानों का कहना है गेंहू की फसल 21 दिनों में पहला पानी लगाने के लिए तैयार हो जाती है। मकरसंक्रांति के आसपास होने वाली बरसात से काफी फायदा होता है। गांव घाटाअमीरमपुर में रहने वाले मदनलाल गुर्जर, सतबीर गुर्जर, दरोगा सूरजमल, महेश दायमा आदि किसानों का मानना है कि मौसम के मिजाज को देखकर ऐसा लग रहा है कि कोहरा कम होने की बजाय और बढ़ेगा। किसानों का कहना है कि उन पर दोहरी मार पड़ रही है। पहले तो सरकार ने रूलाया। बिजली, नहरी पानी और यूरिया की किल्लत झेलनी पड़ी और अब मौसम उन्हे रूला रहा है। ऐसे में इस साल यदि फसल खराब हुई या कम रही तो उन्हे घाटा उठाना पड़ सकता है। गांव सांप कीनंगली के रहने वाले बलबीर सिंह रावत गब्दा, मुनीराम, जगमेन्द्र खटाना लोहटकी, कृष्ण खटाना दमदमा, गांव रायपुर में रहने वाले किसान विजय सिंह डागर, किशोर यादव, कामरेड प्रताप सिंह, राजेन्द्र यादव आदि का कहना है कि मेहनतकश वर्ग किसान सरकार से लेकर मौसम तक दोनों की मार झेलने को मजबूर है। यूरिया ना मिलने से अभी भी उन्हे दर-दर भटकना पड़ रहा है। फसलें खराब हो रही है। वही सरसो की फसल पर कोहरा कहर बनकर टूट रहा है क्योंकि कोहरे के कारण सरसो की फसल में चेपा लग जाता है, जो सरसो की फसल को खराब कर देता है।
Comments