नई दिल्ली, । सीआरपीएफ के महानिदेशक समेत एनआइए, आइबी और रा के दो दर्जन वरिष्ठ अधिकारियों ने कश्मीर में डेरा डाल लिया है। यह अधिकारी हाल ही में हुई आतंकी घटनाओं के पीछे की पूरी साजिश का पर्दाफाश
रने में जुटे हुए हैं। इसके अलावा यह अधिकारी भविष्य मे ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने और आतंकियों की भर्ती पर पूरी तरह लगाम लगाने की रणनीति भी बनाएंगे। इस रणनीति की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 23 अक्टूबर को श्रीनगर में एक उच्चस्तरीय सुरक्षा बैठक में समीक्षा करेंगे। वहीं, सेनाध्यक्ष एमएम नरवणे भी आज जम्मू के दौरे पर हैं। पुंछ-राजौरी सेक्टर में बढ़ते आतंकवाद विरोधी अभियानों के बीच सेना प्रमुख सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करेंगे और सैनिकों और कमांडरों के साथ बातचीत करेंगे। सेना प्रमुख को नियंत्रण रेखा के साथ सुरक्षा ग्रिड और आंतरिक इलाकों में आतंकवाद विरोधी अभियानों के बारे में वरिष्ठ सैन्य अधिकारी जानकारी देंगे। जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में रविवार को आतंकवादियों ने दो गैर-कश्मीरी मजदूरों की गोली मारकर हत्या कर दी और एक अन्य को घायल कर दिया। 24 घंटे से भी कम समय में गैर-स्थानीय मजदूरों पर यह तीसरा हमला है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, नागरिक हत्याओं के दोनों मामलों की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) करेगी। बिहार के एक रेहड़ी-पटरी वाले और उत्तर प्रदेश के एक बढ़ई की शनिवार शाम को आतंकियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। कश्मीर में गैर-स्थानीय कामगारों पर सिलसिलेवार हमलों के बाद दहशत फैल गई है और कई अब यूपी, बिहार समेत देश के अन्य राज्यों के कामगार घाटी से लौटने लगे हैं। अमित शाह की समीक्षा बैठक दूसरी तरफ, सोमवार को जम्मू-कश्मीर में आतंकियों की बढ़ी गतिविधियों के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देश में सुरक्षा के हालात की समीक्षा की है। सूत्रों के अनुसार, जम्मू-कश्मीर की ताजा घटनाओं पर चिंता जताते हुए अमित शाह का कहना था कि हताशा में आतंकी लोगों में दहशत फैलाने के लिए निर्दोष लोगों को निशाना बना रहे हैं। लेकिन साथ ही यह भी साफ कर दिया कि सीमा पार बैठे आतंकियों के आका अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो पाएंगे। सुरक्षा बलों पर भरोसा जताते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें नई चुनौतियों से निपटने के लिए हमेशा तैयार रहना होगा। पहली बार कश्मीर में महिलाओं की जांच आतंकियों द्वारा निर्दोष लोगों को निशाना बनाए जाने के बाद प्रशासन ने कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। किसी भी चूक से बचने के लिए श्रीनगर समेत सभी प्रमुख शहरों में महिला सीआरपीएफ कर्मियों को भी तैनात किया गया है। बीते 30 वर्षो में यह पहला अवसर है जब कश्मीर में किसी सार्वजनिक स्थल पर महिला सुरक्षाकर्मियों ने महिलाओं की जांच कर रही हैं।
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