किसान नेता टिकैत का गोला-लाठी वाला वीडियो सोहना में जमकर हो रहा वायरल

Khoji NCR
2020-12-17 10:26:15

सोहना,(उमेश गुप्ता): सोहना और आसपास क्षेत्र में भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत का एक वीडियो आजकल तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में किसान नेता राकेश टिकैत किसानों की मांगें ना

माने जाने पर सरकार को गोला-लाठी देने का आहवान किसानों को कर रहे है। इन दिनों चल रहे किसान आंदोलन के दौरान केन्द्र सरकार को गोला-लाठी लगाने के बयान से किसान नेता राकेश टिकैत जबरदस्त चर्चाओं में आ गए है। वायरल हो रहे वीडियो में किसान नेता राकेश टिकैत का कहना है कि गोला-लाठी क्या होती है, इसको हर किसान जानता है। वायरल हो रहे वीडियो में किसान नेता राकेश टिकैत पत्रकार के पूछने पर कह रहे है कि किसानों की मांग अभी तक नही मान रही सरकार को गोला-लाठी देनी पड़ेगी। उन्होने किसानों को यह भी आहवान किया कि गोला-लाठी में जो-जो औजार इस्तेमाल होता है, किसान उन औजारों को लेकर आ जाए। सरकार को गोला-लाठी देना जरूरी है। यदि सरकार हमारी दी गई गोला-लाठी से बाहर निकल आए तो वह वापिस लौट जाएंगे। वायरल हो रहे वीडियो में राकेश टिकैत साफ कह रहे है कि सरकार किसानों की मांगें नही मान रही है। ऐसे में सरकार को गोला-लाठी देनी पड़ेगी। तभी सरकार मानेगी। साथ ही वह किसानों से आहवान कर रहे है कि गोला-लाठी में जो औजार इस्तेमाल होते है, किसान उन्हे लेकर आ जाए। गोला-लाठी देने पर ही सरकार मानेगी। सोहना ही नही आसपास क्षेत्र में भी किसान नेता राकेश टिकैत का यह वीडियो किसानों के साथ-साथ सर्वजातीय समाज में जमकर वायरल हो रहा है। लोग इस वीडियो को ना केवल एक-दूसरे से सांझा कर रहे है बल्कि नौकरीपेशा लोग भी इस वीडियो को चोरी-छिपे देख रहे है और एक-दूसरे से यह जानने का प्रयास कर रहे है कि यह गोला-लाठी क्या बला है, जो इस्तेमाल लाए जाने की धमकी किसान सरकार को दे रहे है। इधर क्षेत्र में किसान नेता चौधरी सतबीर गुर्जर, पूर्व सरपंच चौधरी प्रदीप खटाना, चौधरी महेश घोडारोप, पूर्व सरपंच राजाराम यादव, बहाल यादव आदि का कहना है कि किसानों ने दिल्ली के रास्ते बंद कर सरकार को गोला-लाठी देने का काम किया है। उन्होने बताया कि गोला-लाठी एक ऐसी युद्ध कला है, जो सामने वाले को बिना चोट पहुंचाए उसे एक जगह गठरी की तरह बांधकर रख दिया जाता है। उसके हाथ बांधकर पैरों के पास ले जाकर घुटने मोडकर एक-एक लाठी फंसा दी जाती है। इससे वह व्यक्ति चलना तो दूर हिल भी नही पाता है। यह रणनीति खाप पंचायतों ने अपनाई थी, जो बाद में अंदरखाने सीआईए पुलिस भी पकड़ में आने वाले बदमाशों पर पूछताछ के लिए आजमाने लगी।

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