सोहना,(उमेश गुप्ता): सोहना में पड़ रही तेज ठंड से बचाव के लिए यहां पर खंड के गांव सहजावास के समीप देवनगर कॉलोनी में एक युवक के अपने कमरे में लगाए गए हीटर से अचानक घर में आग लगने पर युवक की आग की लपट
ों के बीच घिरने पर जलकर मौत होने की जानकारी मिली है। सूचना पाकर दमकल उपकेन्द्र से फायर बिग्रेड और पुलिस तुरंत घटनास्थल पर पहुंच गई और आसपास रहने वाले लोगों के सहयोग से कड़ी मशक्कत के बाद आग बुझाने में कामयाबी पाई लेकिन तब तक कमरे के भीतर सो रहे व्यक्ति की आग की लपटों से घिरने पर मौत हो चुकी थी। मृतक की पहचान सूरजपाल सिंह पुत्र रामस्वरूप सिंह मूल निवासी बरेली, उत्तरप्रदेश हालआबाद देवनगर कॉलोनी, गांव सहजावास, ब्लॉक सोहना, थाना भौंड़सी के रूप में हुई है। हादसे में मृतक के हाथ-पैर बुरी तरह जल गए। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए नागरिक अस्पताल में भिजवाया है और हर दृष्टिकोण से मामले की जांच में जुटी है। पुलिस का कहना है कि प्रारंभिक जांच में सामने आ रहा है कि रात के वक्त सूरजपाल सिंह ठंड से बचाव के लिए अपने कमरे में हीटर चलाकर सो गया। रात में किसी वक्त हीटर से अचानक रजाई आदि छू गई होगी। जिससे बिस्तरों और कमरे में आग लग गई और उसने इतना भयंकर रूप धारण कर लिया कि जब आग की लपटे और धुआं पास वाले कमरों में पहुंचने लगा तो परिजनों की नींद टूटी। उन्होने बचाओ-बचाओ का शोर मचाया लेकिन आग की लपटों से घिरा सूरजपाल कमरे से बाहर ना निकल पाने से लपटों से झुलस गया और उसकी घटनास्थल पर ही दर्दनाक मौत हो गई जबकि मकान में सो रहे दूसरे पुत्र को ग्रामीणों ने खिडक़ी तोडक़र जैसे-तैसे निकालने में कामयाबी पाई है, जो सकुशल बताया गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार मूल रूप से बरेली का रहने वाला सूरजपाल सिंह किसी निजी कंपनी में बतौर ड्राईवर लगा हुआ था और यहां पर खंड के गांव सहजावास के समीप देवनगर कॉलोनी में अपना मकान बनाकर परिवार के साथ रहते हुए गुजर-बसर कर रहा था। रोजाना की तरह ही सूरजपाल सिंह अपनी डयूटी से फारिग होकर करीब साढ़े 9 बजे अपने घर आया और भोजन आदि से निवृत होने के बाद ठंड से बचाव के लिए अपने कमरे में हीटर चलाकर सो गया जबकि उसका पुत्र बराबर वाले कमरे में सोने चला गया। मृतक के पुत्र का कहना है कि जब वह रात में 11 बजे लघुशंका के लिए उठा तो उसने देखा कि पिता जी के कमरे में टेलिविजन चल रहा है। उसे लगा कि पिता जी अभी जाग रहे है। जिस पर वह लघुशंका कर वापिस अपने कमरे में जाकर सो गया लेकिन कुछ देर बाद जब उसके कमरे में भरे धुएं से सांस घुटने लगी तो वह बिस्तरों से एकदम कमरे से बाहर की तरफ भागा तो उसने पाया कि बराबर वाले जिस कमरे में उसके पिता जी सोए हुए थे, उस कमरे का भीतर से दरवाजा बंद है और वही से आग की तेज लपटे और धुआ बाहर आ रहा है, जो पूरे मकान में भर गया और आग की लपटे तेजी से बढ़ रही है। जिस पर उसने बचाओ-बचाओ का शोर मचाया और अपने पिता को भी कमरे से बाहर आने के लिए काफी आवाज दी लेकिन ना तो उसके पिता आग की लपटों के बीच कमरे से बाहर निकल पाए और ना ही वह अथक प्रयास के बावजूद अपने पिता को कमरे से बाहर निकाल पाया। रात में बचाओ-बचाओ के शोर से आसपास के लोग जाग गए और घटनास्थल की तरफ आए। मकान में आग लगने की जानकारी तुरंत दमकल केन्द्र और भौंड़सी पुलिस को दी गई। सूचना पाकर तुरंत दमकल केन्द्र से अग्निशमन केन्द्र की गाड़ी और पुलिस घटनास्थल पर पहुंच गई लेकिन तब तक कमरे के भीतर आग की लपटों के बीच घिरा सूरजपाल सिंह आग की लपटों के बीच सुलझने से जलने पर अकाल मौत का ग्रास बन चुका था। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर सोहना के नागरिक अस्पताल में पहुंचाया और जांच में जुट गई। मामले की जांच कर रहे अनुसंधान अधिकारी का कहना है कि मृतक का शव पोस्टमार्टम कराकर मृतक के परिजनों को सौंप दिया गया है। इस मामले में पुलिस ने इसे इतेफाकिया हादसा माना है। जिसके आधार पर 174 की कार्रवाई अमल में लाई गई है।
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