नारनौल 26 सितंबर। उपायुक्त अजय कुमार ने जिला के नागरिकों से आह्वान किया है कि वे मच्छरों से फैलने वाली बीमारियों के प्रति जागरूक रहें। इस बार बारिश का सीजन लंबा चला है। ऐसे में सभी नागरिक अपने
सपास साफ सफाई रखें तथा किसी भी बर्तन या पुराने टायर आदि में पानी एकत्रित न होने दें। डीसी ने कहा है कि मच्छर के काटने से डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया जैसी घातक बीमारियां होती हैं। उन्होंने कहा कि मच्छरों से फैलने वाली बीमारियों के प्रति लोगों का जागरूक होना जरूरी है। हर सप्ताह सभी नागरिक अपने घर तथा आसपास अभियान चलाकर मच्छर पैदा होने वाले स्रोत को खत्म करने का काम करें। उन्होंने कहा कि अब तक जिला में मलेरिया के 2 तथा डेंगू के 46 केस मिल चुके हैं। ऐसे में सभी नागरिकों का सतर्क होना जरूरी है। उपायुक्त ने कहा कि मलेरिया फैलने का इस सीजन में अधिक खतरा रहता है। यह बीमारी मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से होती है। इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति में बुखार, सिरदर्द, बदनदर्द, कमजोरी, चक्कर आना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। इस बीमारी से बचाव के लिए पूरी तरह ढके हुए कपड़े पहनने चाहिए। इसके अलावा अपने आसपास साफ-सफाई का भी ध्यान रखें। घर के आसपास जलभराव न होने दें। समय-समय पर मच्छरों को दूर रखने के लिए घर की नालियों के आसपास स्प्रे करवाते रहें। उन्होंनेे कहा कि मानसून में मच्छरों से होने वाली डेंगू दूसरी गंभीर बीमारी है। डेंगू से हर साल सैकड़ों लोग अपनी जान गवां देते है। डेंगू से पीडि़त व्यक्ति में सिरदर्द, रैशेज, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, ठंड लगना, कमजोरी, चक्कर आने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। डेंगू से पीडि़त व्यक्ति को ज्यादा से ज्यादा लिक्विड डाइट लेनी चाहिए। इसके अलावा इन लक्षणों के नजर आते ही तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके अलावा मानसून में एडिस मच्छर के काटने से चिकनगुनिया होता है। इस बीमारी के लक्षण डेंगू से मिलते-जुलते होते हैं। यह मच्छर ज्यादातर दिन के समय काटते हैं। सिरदर्द, आंखों में दर्द, नींद न आना, कमजोरी, शरीर पर लाल चकत्ते बनना और जोड़ों में तेज दर्द इस बीमारी के लक्षण है। इस बीमारी से बचने के लिए घर के आस-पास सफाई रखें ताकि आपके आस-पास मच्छर न पैदा हो सके। उपायुक्त ने जिलावासियों से आग्रह किया है कि मलेरिया, डेंगू व चिकनगुनिया से बचाव के लिए पानी के बर्तन, टंकी, घड़ों आदि को ढककर रखें और सप्ताह में एक बार कूलर, फूलदान, फ्रिज की ट्रे, पशु व पक्षियों के बर्तन व ड्रमों को खाली करके सुखाएं और फिर उनमें पानी डाले। शरीर को पूरी तरह से ढकने वाले कपड़े पहनें। ठहरे पानी में लारवा नाशक दवा या तेल डालें। उन्होंने बताया कि जहां पानी ठहरेगा वहीं मच्छर पलेगा। ऐसे में हम सभी को यह सुनिश्चित करना है कि मच्छरों को पनपने से रोकने के लिए अपने आसपास पानी को एकत्रित न होने दें।
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