भारत में हरित क्रांति के बाद से अब तक समय-समय पर होते गए कृषि सुधार

Khoji NCR
2020-12-16 09:48:41

नई दिल्‍ली । भारत में समय-समय पर कृषि को लेकर सुधार होते रहे हैं। वर्तमान में सामने आया कृषि कानून भी इसकी ही एक कड़ी है। कृषि सुधार को लेकर सबसे बड़ी कवायद देश में 1960 में आई हरित क्रांति से हुई थ

ी। तब से लेकर आज तक इसमें कई तरह के बदलाव देखने को मिले। कृषि को और अधिक बेहतर बनाने के लिए नई योजनाओं को लाया गया। इसके अलावा आधुनिक खेती की तरफ भी कदम बढ़ाया गया। हरित क्रांति के बाद 1970 में इस क्षेत्र वार्षिक औसर विकास दर 3 फीसद से कुछ कम थी। 1990-91 में जब देश में आर्थिक सुधारों को बल मिला तो अन्‍य क्षेत्रों के साथ कृषि क्षेत्र को भी उम्‍मीद के नए पंख लग गए। हालांकि इस दौरान कृषि और गैर कृषि क्षेत्रों में दूरियां भी काफी बढ़ गईं। इसकी बदौलत दोनों क्षेत्रों में काम करने वालों की आय में भी काफी दूरी देखी गई। वर्ष 2011-12 के दौरान केंद्र सरकार ने किसानों के कल्‍याण और कृषि क्षेत्र की विकास दर को बढ़ाने के लिए दोहरी रणनीति अपनायी उसके तहत वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने का लक्ष्‍य रखा गया। इसके लिए केंद्र सरकार कई तरह की योजनाओं को लेकर आई जिसमं मृदा स्वास्थ्य कार्ड, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, कृषि के लिए अधिक संस्थागत ऋण सुविधा और दालों का बफर स्टॉक बनाने के अलावा परंपरागत कृषि विकास योजना भी शामिल है। वर्ष 2000 की शुरुआत में कृषि विपणन और आतंरिक व्यापार को उदार बनाने के लिए कारगर कदम उठाए गए। इसके तहत पुराने कृषि उत्पाद विपणन नियमन अधिनियम की जगह एपीएम सी अधिनियम 2003 का प्रस्ताव किया गया। वर्ष 2002 में आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत कृषिगत वस्तुओं की खरीद, इसके ट्रांसपोर्ट और इसके भंडारण से लाइसेंस और परमिट को हटा दिया गया। वर्ष 2006 और 2007 में आवश्यक वस्तु अधिनियम में जो बदलाव किए गए उन्‍हें पूरी तरह से वापस ले लिया गया। वहीं कुछ राज्‍यों में एपीएमसी अधिनियम को भी आंशिकतौर पर लागू किया गया। किसानों की आय बढ़ाने के लिए केंद्र ने पहले करते हुए वर्ष 2015 में राष्ट्रीय कृषि बाजार के लिए इलेक्ट्रोनिक व्यापार मंच की शुरूआत की। ई-नाम से लाई गई इस योजना में प्रत्येक मंडी के लिए 75 लाख रूपये की वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई गई। इसके तहत ऑनलाइन बोली लगाने की सुविधा शुरू हुई। इसके बाद सरकार की तरफ से कृषि विपणन और कुछ अन्य क्षेत्रों में सुधार किए गए।

Comments


Upcoming News