हिमाचल कल्याण सभा ने अखिल भारतीय प्रवासी हिमाचली संयुक्त मोर्चा के प्रस्ताव का किया पुरजोर समर्थन।

Khoji NCR
2021-09-04 11:02:08

खोजी/नीलम कौर पिंजौर। हिमाचल कल्याण सभा (रजि0) कालका, अखिल भारतीय प्रवासी हिमाचली संयुक्त मोर्चा के प्रस्ताव, ’’हिमाचल मैडिकल शिक्षा में प्रवासी हिमाचल वासी बच्चों को मिले दाखिला अधिकार’’

ा पुरजोर समर्थन करती है। सभा के प्रधान नरेश धीमान का कहना है कि अखिल भारतीय प्रवासी हिमाचली संयुक्त मोर्चा दिल्ली द्वारा प्रवासी हिमाचलियों के बच्चों को, जिन्होंने हिमाचल से बाहर रह कर अपनी 12वीं तक की पढ़ाई करके अपने ही प्रदेश के हकूक से सरकार द्वारा वंचित रखने का खण्डन किया है। कोई भी हिमाचल वासी रोजी-रोटी के लिए अपने परिवार के साथ हिमाचल से बाहर दूसरे प्रदेशों में जीवन यापन करता है तो इसमें कोई गलत बात नहीं है, रोजी-रोटी के लिए मीलों दूर बाहर के प्रदेशों में जाने का ये मतलब नहीं कि उनका या उनके बच्चों का हिमाचल में कोई हक नहीं रहा। प्रवासी हिमाचली की जमीन-जायदाद तथा रिश्ते-नाते हिमाचल में ही रहते हैं, उनकी शादियां भी अधिकतर हिमाचल में या प्रवासी हिमाचलियों में ही होती हैं। धीमान ने कहा कि अपने प्रदेश से बाहर रहने वाले हिमाचली अपनी कर्मठता, ईमानदारी, मेहनत, सादा रहन-सहन तथा सौहार्दपूर्ण व्यवहार से हिमाचल प्रदेश का नाम ऊंचा करते हैं। वह अपनी पैतृक जायदाद के भी पूरे-पूरे हकदार होते हैं। जब प्रवासी हिमाचलियों के पैतृक कानूनी अधिकार है, तो सरकार द्वारा दिए गए हिमाचलियों के सरकारी अधिकारों के भी हकदार हैं। लिहाजा प्रवासी हिमाचलियों के बच्चों को शिक्षा व नौकरी में भी पूरा-पूरा अधिकार होना चाहिए। हिमाचल सरकार यदि प्रवासी हिमाचलियों के बच्चों को हिमाचल में शिक्षा तथा नौकरी से वंचित रखती है तो यह प्रवासी हिमाचलियों के साथ सरकार का सौतेला व्यवहार है। सभी प्रवासी हिमाचलियों को एकजुट होकर हिमाचल सरकार के समक्ष अपने व अपने बच्चों के हकों के लिए ठोस पक्ष रखना होगा। धीमान का कहना है कि हिमाचल कल्याण सभा (रजि0) कालका, अखिल भारतीय प्रवासी हिमाचली संयुक्त मोर्चा के साथ कंधे से कंधा मिला कर चलने को तैयार है तथा अपने तथा अपने बच्चों के परदेशी अधिकारों को हासिल करने के लिए एकजुट है।

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