फारुम । अफगानिस्तान फुटबाल टीम की पूर्व कप्तान खालिदा पोपल पिछले कई दिनों से चैन से नहीं सो पाई हैं। इसकी वजह है तालिबान का काबुल पर कब्जा। दरअसल, उन्हें इस बात की चिंता सता रही है कि तालि
ान के काबुल पर कब्जे के बाद लड़कियों और महिलाओं की परेशानी बढ़ जाएगी। उनका कहना है कि तालिबान इन लड़कियों को खेलने की इजाजत कभी नहीं देगा। इतना ही नहीं उन्हें इस बात का डर भी सता रहा है कि न मालूम तालिबान इन लड़कियों के साथ कैसा बर्ताव करेगा। आपको बता दें कि खालिदा डेनमार्क में रहती हैं। तालिबान के काबुल पर कब्जे के बाद से ही खालिदा लगातार इस बात की कोशिश में लगी हैं कि वो वहां पर फंसी अपनी टीम की लड़कियों और उनके परिवार को किसी तरह से सुरक्षित निकाल लें। उनके मुताबिक इन लड़कियों और उनके परिवारों को लगातार तालिबान की तरफ से धमकियां मिल रही हैं। अफगानिस्तान की महिला फुटबाल टीम की खिलाड़ी तालिबान के कब्जे के बाद काफी डरी हुई हैं। 75 को सकुशल निकाला खालिदा के मुताबिक वो अब तक 75 लोगों को अफगानिस्तान से सुरक्षित बाहर निकलवाने में कामयाब रही हैं। इनमें महिला टीम की खिलाड़ी और उनके परिवार के सदस्य भी शामिल हैं। खालिदा ने एएफपी को बताया कि इन्हें आस्ट्रेलिया ले जाया गया है। कभी खुद थीं डेनमार्क में शरणार्थी 34 वर्षीय खालिदा ने ये भी कहा कि वो अधिक से अधिक खिलाडि़यों को वहां से निकाल लेना चाहती हैं। इसके लिए वो हर संभावना और विकल्पों को भी तलाश कर रही हैं। आपको बता दें कि खालिदा करीब दस वर्ष पूर्व एक शरणार्थी के तौर पर अफगानिस्तान से डेनमार्क आई थीं। लगातार आ रहे अफगानिस्तान से फोन काबुल पर कब्जे के बाद से उनके पास अफगानिस्तान से लगातार फोन आ रहे हैं और लोग उनको किसी तरह से बाहर निकालने की गुहार लगा रहे हैं। उन्होंने महिला टीम खिलाडि़यों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए पूरी दुनिया से अपील की है। इसके लिए उन्होने एक वीडियो संदेश भी जारीकिया है। नाउम्मीद होती जा रही हैं लड़कियां एएफपी के साथ बात करते हुए खालिदा कई बार भावुक भी हो गईं। उन्होंने बताया कि तालिबान के आने के बाद वहां फंसी महिला खिलाड़ी हर पल डर के साए में बिता रही हैं। वो रो रही हैं, चिल्ला रही हैं, उन्हें मदद चाहिए और धीरे-धीरे वो नाउम्मीद होती जा रही हैं। एएफपी से बातचीत के दौरान उन्होंने सुरक्षा कारणों से इस बात का खुलासा नहीं किया है कि अफगानिस्तान में ये महिला फुटबाल खिलाड़ी कहां-कहां पर हैं। तालिबान हमारा दुश्मन उन्होंने बताया कि तालिबान के राज में वो स्कूल नहीं जा सकीं। लड़की होने के नाते वो किसी तरह की एक्टीविटी में भी हिस्सा नहीं ले सकती थीं। खालिदा ने कहा कि तालिबान उनका दुश्मन है। इस तालिबान से फुटबाल के जरिए वो बदला लेना चाहती हैं। उन्होंने बताया कि उन्होंने हर चीज फुटबाल के मैदान पर सीखी है।
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