सोहना,(उमेश गुप्ता): टाउन एंड कंट्री प्लानिंग डिपार्टमेंट ने 14 रिहायशी और व्यावसायिक कॉलोनियों वाली भूमि में किसी भी तरह की खरीद-फरोख्त पर रोक लगा दी है। सीनियर टाउन प्लानर ने उपायुक्त को पत्
लिखकर इन कॉलोनियों को ब्यौरा राजस्व रिकार्ड में डालने के लिए संबंधित तहसीलदारों व नायबतहसीलदारों को दिशा-निर्देश देने और इन कॉलोनियों वाली भूमि की किसी भी तरह की रजिस्ट्रियां ना किए जाने का आग्रह किया है। जिससे बिल्डर लाबी में हडक़ंप व बेचैनी का माहौल बन गया है। टाउन एंड कंट्री प्लानिंग डिपार्टमेंट के डायरेक्टर केएम पांडुरंग ने बताया कि उनके डिपार्टमेंट ने इन रिहायशी व कमर्शियल 14 कंपनियों को लाइसेंस दिया था। इनमें से अधिकांश डिवलेपर सैकड़ों करोड़ रुपए की ईडीसी व आईडीसी बकाया है। इसके अलावा कई डिवलेपर पर आरोप है कि उन्होने गलत कागजात के आधार पर लाइसेंस ले लिया। मामला विभाग के संज्ञान में आने पर टीसीपी डिपार्टमेंट ने ऐसे डिवलेपरों का लाइसेंस भी तत्काल प्रभाव से रदद कर दिया है। टाउन एंड कंट्री प्लानिंग डिपार्टमेंट के डायरेक्टर केएम पांडुरंग ने बताया कि सेक्टर बारह ए में स्टेंड फोर डिवलेपर एंड इंफ्राक्सट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड, सेक्टर बासठ में एजेएस बिल्डर, सेक्टर चौहत्तर में एक्वेरिस बिल्डॉन प्राइवेट लिमिटेड, सेक्टर सत्तर ए में यूनिवर्सल बिल्डॉन प्राइवेट लिमिटेड, सेक्टर सत्तर ए में पॉल डिवलेपर, सेक्टर इकहत्तर व तिहेत्तर में न्यू इंडिया डिवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, सेक्टर चौहत्तर में पार्कवुड गुरूग्राम आईटी पार्क प्राइवेट लिमिटेड, सेक्टर सत्तर में वेस्टा बिल्डर्स, सेक्टर इकहतर में कैलेसियल एस्टेट, सेक्टर अठठासी में एएमवी इंफ्रा बिल्डटेक, सेक्टर पचानबे में पॉल डिवलेपर्स, सेक्टर एक सौ दो में त्रिवेणकोर मार्केटिंग और सेक्टर एक सौ सात में आरएमएस एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड को लाइसेंस दिया था। इनमें से अधिकांश डिवलेपर सैकड़ों करोड़ रुपए की ईडीसी व आईडीसी बकाया है। इसके अलावा कई डिवलेपर पर आरोप है कि उन्होने गलत कागजात के आधार पर लाइसेंस ले लिया। मामला विभाग के संज्ञान में आने पर टीसीपी डिपार्टमेंट ने ऐसे डिवलेपरों का लाइसेंस भी तत्काल प्रभाव से रदद कर दिया है। उन्होने बताया कि मुख्यालय ने जांच के बाद इन डिवलेपर का लाइसेंस कैंसल किया है। उन्हे दिशा-निर्देश दिए है कि इन डिवलेपर की साइटस पर किसी तरह का निर्माण ना किया जाए। जिसको लेकर डीटीपीई और डीटीपी को दिशा-निर्देश दिए है। इन जमीन पर किसी तरह की खरीद-फरोख्त ना हो, इसको लेकर उपायुक्त को पत्र लिखा है और आग्रह किया है कि संबंधित तहसीलदारों व नायबतहसीलदारों को दिशा-निर्देश देने और इन कॉलोनियों वाली भूमि की किसी भी तरह की रजिस्ट्रियां ना की जाए।
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