उमेश गुप्ता सोहना : सोहना के गांव सांपकी नंगली स्थित श्री सत्य सनातन गौशाला में गौवर्धन पूजा का आयोजन हुआ। गौशाला में गाय के गोबर से निर्मित गौवर्धन महाराज की आकृति बनाई गई। जिस पर मौजूद ब्र
हाणों रमेश शास्त्री, दिनेश कुमार, मुकेश शर्मा, हेमंत भोला ने विधिविधान से श्री गौवर्धन महाराज की पूजा कराई। इसमें छत्तीस बिरादरी के लोगों ने सपरिवार बढ़-चढक़र हिस्सा लिया। भोग अर्पण करने के बाद नागरिकों ने पंक्तिबद्ध होकर गौवर्धन महाराज की परिक्रमा लगाई तथा खुशहाली, समृद्धि, शांति और प्रगति की कामना की। महंत मुख्त्यारपुरी जी महाराज के सानिध्य में आयोजित गौवर्धन पूजा में श्री गौवर्धन महाराज को भोग अर्पण करने के दौरान काफी संख्या में महिलाएं भी उपस्थित रही। इससे पूर्व मौजूद लोगों ने गौशाला में पल रही गायों की पूजा की और उन्हे हरा चारा व गुड़ खिलाया। लोग गौवर्धन महाराज के जयकारे लगाते रहे। जगदीश वर्मा, मुकेश शर्मा, देवदत्त शर्मा, कपिल शर्मा ने लोगों को गौवर्धन पूजा की कथा सुनाई। इस मौके पर उन्नति चेरिटेबल ट्रस्ट के सीईओ बलबीर गब्दा ने श्री गौवर्धन पूजा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि गौवर्धन महाराज के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्राचीन कहावत के अनुसार द्वापर युग में अन्नकूट द्वारा देवराज इन्द्र के पूजन से इन्द्र में अभिमान आने पर श्री कृष्ण भगवान ने इन्द्र का अभिमान तोडऩे के लिए इन्द्र की बजाय गोवर्धन पर्वत की पूजा करवाने पर जब क्रोधित इन्द्र ने मेघों से घनघोर वर्षा कर ब्रजभूमि को डुबोने को कहा, तब घबराए ब्रजवासियों द्वारा श्री कृष्ण से इन्द्र के कोप से बचाने की गुहार लगाने पर श्री कृष्ण द्वारा संपूर्ण गोवर्धन पर्वत को अपनी तर्जनी उंगली पर उठाने और लगातार सात दिनों तक मूसलाधार वर्षा के बावजूद ब्रजवासियों का बाल बांका ना होने पर पराजित इन्द्र देवता ने श्री कृष्ण से क्षमा मांगी। उन्होने बताया कि द्वापर युग में भगवान श्री कृष्ण ने बृजवासियों से इंद्र देवता की पूजा बंद करके खुशहाली एवं समृद्धि देने वाले गौवर्धन पर्वत की पूजा-अर्चना करने का संदेश दिया। भगवान श्री कृष्ण की कार्रवाई से खिन्न होकर राजा इंद्र ने वर्षा का कहर बरपाया। भगवान श्री कृष्ण ने गौवर्धन पर्वत को अपनी कनिष्ठ उंगली पर धारण किया और बृजवासियों की रक्षा की। तभी से गोवर्धन पूजा आरंभ हुई। बृज क्षेत्र से दूर के लोग गाय के गोबर से गौवर्धन का प्रतीक बनाकर पूजा करने लगे, जो आज भी पूरे देश में की जाती है। इस मौके पर मनोज शर्मा एडवोकेट, देवदत्त शर्मा एडवोकेट, लगातार 4 बार जीत हासिल कर नगरपरिषद में परचम फहराने वाली नगरपार्षद श्रीमती वेदकला शर्मा, नंबरदार भबीचंद, अग्रवालसभा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष उमेश अग्रवाल व मौजूद गौभक्तों ने कहा कि सामूहिक उत्सवों के आयोजन से भावी पीढ़ी को अपनी संस्कृति एवं विरासत को लाने का अवसर मिलता है। ऐसे उत्सव प्रति वर्ष लगातार आयोजित किए जाने चाहिए। प्रसाद वितरण के बाद उत्सव का समापन क
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