सोहना में सभी प्राइवेट अस्पताल व निजी चिकित्सा क्लीनिक रहे बंद-डाक्टरों ने विरोध में बांधी काली पटटी

Khoji NCR
2020-12-11 10:35:36

क्लीनिक बंद होने से दिन भर रहे रोगी परेशान सोहना,(उमेश गुप्ता): इंडियन मेडीकल एसोसिएशन के आह्वान पर शुक्रवार को सोहना शहर और क्षेत्र में सभी निजी चिक

ित्सकों ने अपने चिकित्सा क्लीनिक पूरी तरह बंद रखे तथा डाक्टरों ने अपनी बाह पर काली पटटी बांधकर सरकार विरोधी नारेबाजी की। निजी क्लीनिकों के बंद होने से रोगियों को परेशानियां झेलनी पड़ी। मरीज परेशान रहे। क्या करे, कहां जाए, कुछ समझ में नही आ रहा है। इस मौके पर डाक्टरों को संबोधित करते हुए डाक्टर संजय जैन, डाक्टर शराफत अली, डाक्टर प्रवीण यादव आदि ने कहा कि हाल ही में सेंट्रल काउंसलिंग ऑफ इंडियन मेडीकल द्वारा एक नोटिफिकेशन जारी किया गया है, जिसमें आयुर्वेद डाक्टर को मेडीशन के जरिए सर्जरी करने की अनुमति दी गई है। जिसका आईएमए विरोध कर रही है। उन्होने कहा कि हमारी आयुर्वेद और आयुवेर्दिक डाक्टरों से कोई खिलाफत नही है। हम ये चाहते है कि सरकार आयुर्वेद को भी भरपूर बढ़ावा दे लेकिन उसके लिए रिसर्च की जाए और उसी को ही आगे ले जाया जाए ताकि आयुर्वेद की शुद्धता बरकरार रहे लेकिन किसी भी कीमत पर आयुर्वेद और एलोपैथी को मिक्स कर मिक्सोपैथी को बढ़ावा ना दे। इससे पूर्व इंडियन मेडीकल एसोसिएशन के आह्वान पर यहां शुक्रवार को जैन नेत्र रोग चिकित्सालय पर डाक्टरों की बैठक डाक्टर संजय जैन की अध्यक्षता में आयोजित हुई। बैठक में शहर और आसपास लगते गांवों से आए डाक्टरों ने बढ़-चढक़र हिस्सा लिया। इस मौके पर मौजूद डाक्टरों ने आयुवेर्दिक चिकित्सकों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा हाल ही में सर्जरी की अनुमति दिए जाने पर एतराज जताया और कहा कि इसके विरोध में सभी निजी क्लीनिक संचालक डाक्टर आईएमए के आहवान पर शुक्रवार को हड़ताल पर है। उन्होने बताया कि आज सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक सभी निजी अस्पतालों और नर्सिंग होमों को बंद रखा गया। सभी निजी अस्पतालों, नर्सिंग होमों और क्लीनिकों में शुक्रवार को हड़ताल के चलते केवल हार्ट अटैक, सडक़ हादसों में घायलों और जीवन बचाने संबंधी सेवाओं के अलावा सभी आपात सेवाओं को बंद रखा गया है। सिर्फ आपातकालीन सेवाएं चालू रखी गई। उपरोक्त डाक्टरों का कहना है कि आयुवेर्दिक चिकित्सकों को सर्जरी से मेडीकल गुणवत्ता पर असर पड़ेगा क्योकि आयुवेर्दिक के अधिकतर इलाज प्राचीन व वेद आधारित होते है जबकि आधुनिक चिकित्सा शैली वैज्ञानिक व प्रभावी जांच पर निर्भर है। आईएमए इसे लेकर सरकार के लिए गए फैसले से होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में भी अवगत करा रहा है।

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