इमरान खान के खिलाफ हुई पाकिस्‍तान न्‍यूजपेपर्स सोसायटी, प्रेस की आजादी पर लगाम लगाने वाले PMDA का हो रहा विरोध

Khoji NCR
2021-08-12 08:35:04

इस्‍लामाबाद । पाकिस्‍तान में इमरान सरकार द्वारा मीडिया संस्‍थानों को अपने काबू में रखने के लिए प्रस्‍तावित पाकिस्‍तान मीडिया डेवलपमेंट आथरिटी (पीएमडीए) का देशभर में जबरदस्‍त विरोध हो रहा

ै। देश की आल पाकिस्‍तान न्‍यूजपेपर्स सोसायटी (एपीएनएस) ने सरकार द्वारा प्रस्‍तावित पीएमडीए के गठन के प्रस्‍ताव को असंवैधानिक बताते हुए इसको सिरे से खारिज कर दिया है। एपीएनएस का कहना है कि ये कठोर कानून देश में प्रेस की आजादी के खिलाफ है। इस संस्‍था के एग्‍जीक्‍यूटिव डायरेक्‍टर डाक्‍टर तनवीर ए ताहिर ने इमरान खान की सरकार पर सीधा आरोप लगाया है कि केंद्र की सरकार देश की मीडिया को अपने हाथों में रखते हुए इसे इशारों पर कंट्रोल करना चाहती है। इसके लिए वो प्रिंट, इलेक्‍ट्रानिक, सोशल मीडिया के लिए बनाए तय नियमों को भी ताक पर रख रही है। एपीएनएस का ये भी कहना है कि पीएमडीए के तहत मीडिया संस्‍थानों को लाकर इमरान खान की सरकार न सिर्फ प्रेस की आजादी पर हमला करना चाहती है, बल्कि अपने मन मुताबिक इसको हैंडल भी करना चाहती है। इस एसोसिएशन का ये भी कहना है कि देश की लोकतांत्रिक व्‍यवस्‍था में इस तरह की चीजों का कोई स्‍थान नहीं है। इस संस्‍था की तरफ से मीडिया ग्रुप्‍स ने ये मांग की है कि इसके प्रस्‍ताव को तुरंत पूरी तरह से रद किया जाना चाहिए और सीनेट समेत नेशनल असेंबली की बैठक बुलाई जानी चाहिए। आपको बता दें कि इस वर्ष जून में भी पाकिस्‍तान मीडिया ने इसके खिलाफ आवाज उठाई थी और इसको असंवैधानिक बताया था। उस वक्‍त भी मीडिया संस्‍थानों ने कहा था कि ये प्रेस की आजादी पर हमला है। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले पाकिस्‍तान के वरिष्‍ठ और चर्चित पत्रकार हामिद मीर ने भी पाकिस्‍तान की इमरान सरकार पर ऐसा ही आरोप लगाया था। उन्‍होंने बीबीसी को दिए एक इंटरव्‍यू में कहा था कि पाकिस्‍तान में कानून और लोकतंत्र जैसी चीजें केवल दिखाने भर के लिए ही हैं। आपको बता दें कि हामिद मीर ने देश में पत्रकारों पर हो रहे हमले के लिए पाकिस्‍तान आर्मी को जिम्‍मेदार ठहराया था। इसके बाद न सिर्फ उनके टाक शो के प्रसारण को रोक दिया गया था, बल्कि उन्‍हें भी बैन कर दिया गया था। हामिद ने इस इंटरव्‍यू में यहां तक कहा था कि इमरान खान खुद एक कमजोर और मजबूर पीएम हैं, जो सेना के सामने कुछ कहने की हिम्‍मत नहीं कर सकते हैं। इसलिए उनके मामले में इमरान के हाथ बंधे हुए हैं।

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