सोहना की पहाड कॉलोनी में टूरिज्म की मल्कियत वाले लगाए गए बोर्ड रातोंरात हुए गायब सोहना,(उमेश गुप्ता): सुप्रीमकोर्ट के अरावली वनक्षेत्र में बने कब्जों को हटाने के दिए गए आदेशों के बाद सो
हना शहर के वार्ड-तेरह की पहाड कॉलोनी, पीर कॉलोनी समेत कई कॉलोनियों में तोडफ़ोड़ की तलवार किसी भी चल सकती है। बताया जा रहा है कि पहाड कॉलोनी वन विभाग की जमीन पर बसी हुई है। वन विभाग ने इस कॉलोनी में बने सभी कच्चे-पक्के मकान बनाने वाले लोगों को नोटिस देने की तैयारी कर ली है और एक-दो दिनों में नोटिस भेजने की प्रक्रिया वन विभाग की तरफ से तेजी से चलेगी। जिसके बाद इस कॉलोनी में तोडफ़ोड़ की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। काबिले गौर यह है कि सोहना शहर के वार्ड-तेरह में पहाड़ कॉलोनी चालीस वर्षों पुरानी है। यहां पर 800 से 900 पक्के मकान बने हुए है। करीब दो वर्ष पहले भी हरियाणा पयर्टन निगम ने अपनी मल्कियत वाली भूमि को खाली कराने के लिए 130 मकान मालिकों को नोटिस दिया था। फिलहाल यह मामला सिविल अदालत में विचाराधीन बताया जा रहा है। इधर वन मंडल अधिकारी राजीव तेजियान की माने तो सोहना शहर के वार्ड-13 की पूरी पहाड कॉलोनी वन विभाग की जद में है। जिन लोगों ने यहां कच्चे-पक्के निर्माण कर रखे है, उन सभी निर्माणों को हटाने व तोड़े जाने के लिए जल्द नोटिस देने की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। सुप्रीमकोर्ट के आदेशों की पूरी ईमानदारी से पालना होगी। इधर देखने में आ रहा कि हरियाणा पर्यटन निगम की तरफ से सोहना के वार्ड-तेरह की पहाड़ कॉलोनी में कई वर्षों पहले पर्यटन निगम द्वारा अपनी मल्कियत वाली भूमि पर लगाए गए बोर्ड रातोंरात गायब हो गए है। ऐसा अंदेशा है कि जिन लोगों ने टूरिज्म की मल्कियत वाली भूमि पर अवैध रूप से कब्जे किए हुए है, उन्ही में से किसी ने टूरिज्म की मल्कियत वाले लगाए बोर्ड को गायब करने का काम किया है। एक बोर्ड जरूर देखने को मिला लेकिन वह भी झाडिय़ों से ढक दिया गया है। जिससे वह बोर्ड भी किसी को नजर नही आ रहा है। देखने वाली बात ये है कि सोहना शहर के वार्ड-तेरह में पर्यटन निगम की मल्कियत वाली 9 एकड़ सरकारी भूमि पर बिना किसी अनुमति के आशियाना बनाकर रह रहे इन परिवारों ने बिजली, पानी, सीवर आदि के कनेक्शन भी लिए हुए है। सरकारी भूमि होने के बावजूद यहां पर बाकायदा नगरपरिषद की तरफ से कंकरीट युक्त पक्के रोड बनाए गए है। बिजली के कनेक्शन बिजलीनिगम द्वारा दिए गए है। पेयजल आपूर्ति के लिए डाले गए मोटे पाइप जल आपूर्ति करने वाले विभाग द्वारा उपलब्ध कराए गए है। पर्यटन निगम के वरिष्ठ प्रबंधक की माने तो वह इस मसले पर जांच कराएंगे कि सरकारी भूमि पर बिना मल्कियत सबूत लगाए बिजलीनिगम ने कैसे बिजली कनेक्शन जारी किए है और पब्लिक हैल्थ ने बिना मल्कियत सबूत के किस आधार पर यहां वाटर सप्लाई आपूर्ति की लाइनें डाली है। नगरपरिषद का रिकार्ड खंगाला जाएगा कि यहां पर कब और कितनी लागत से सडक़ों का निर्माण किसके आदेश पर कराया गया है। उन्होंने इसे सरकारी पैसे का दुरूपयोग बताते हुए कहा कि इस मामले में जो भी दोषियान होंगे, उनकी पहचान कर ना केवल संबंधित विभागों के स्थानीय अधिकारियों को नोटिस जारी किए जाएंगे बल्कि स्पष्टीकरण मांगते हुए उनके खिलाफ आवश्यक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। सरकारी पैसे का दुरूपयोग करने वाले अधिकारियों के वेतन से खर्च किए गए पैसे की रिकवरी भी हो सकती है। ध्यान योग्य यह है कि सोहना शहर के भीतर सदर पुलिस थाने से लगते पुराने वार्ड-दस तथा नए वार्ड-तेरह में हरियाणा पर्यटन निगम की मल्कियत वाली 9 एकड़ भूमि है। इस जगह को पीर कॉलोनी और पहाड़ कॉलोनी के नाम से भी जाना जाता है। पर्यटन निगम की इस भूमि पर लोगों ने अवैध रूप से कब्जा कर अपने मकान आदि बनाए हुए है। तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के शासनकाल में जैसे ही हरियाणा टूरिज्म की मल्कियत वाली इस बहुमूल्य जमीन पर अवैध कब्जे होने की शिकायत पर्यटन निगम के स्थानीय अधिकारियों के जरिए हरियाणा टूरिज्म निगम के आला अधिकारियों को मिली तो समूचे टूरिज्म निगम में हडक़ंप मच गया। इस मामले में पर्यटन निगम द्वारा राजस्व विभाग से पैमाइश कराई गई तो उसकी भूमि पर अवैध कब्जे होना पाया गया। उस वक्त पर्यटन निगम के आला अधिकारियों द्वारा यह मामला अपने विभाग की मंत्री के संज्ञान में लाते ही मामले ने तूल पकड़ लिया और मंत्री ने स्वयं जिले के उपायुक्त को फोन कर अविलंब सोहना शहर स्थित हरियाणा पर्यटन निगम की भूमि पर जमे अवैध कब्जों को तत्काल प्रभाव से हटवाने के निर्देश दिए लेकिन वोट बैंक और राजनीतिक दबाव के चलते मामला ठंडे बस्ते में चला गया। सरकारी भूमि से अवैध कब्जे नही हट पाए लेकिन अब भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार में माना जा रहा है कि सरकारी भूमि से कब्जों को हटाने की कार्रवाई जल्द अमल में लाई जाएगी। इस बारे में जानकारी लेने पर पर्यटन निगम के वरिष्ठ प्रबंधक ने माना कि हरियाणा टूरिज्म की जमीन पर लोगों ने अवैध कब्जा किया हुआ है। राजस्व विभाग द्वारा की गई पैमाइश में भी टूरिज्म की जमीन पर अवैध कब्जे की बात साबित हुई है। उन्होंने कहा कि बड़ी हैरानी की बात है कि पर्यटन निगम की मल्कियत वाली भूमि पर बसी अवैध कॉलोनी में जनता के पैसे सडक़ें, बिजली, पानी जैसी सुविधाएं मुहैया कराकर कानून को ठेंगा दिखाया गया है। इसके लिए जो भी जिम्मेदार है, उनकी पहचान कर उनके खिलाफ प्रभावी कार्रवाई अमल में लानी होगी। इस मामले में वह अपनी रिपोर्ट जल्द ही आला अधिकारियों को सौंप देंगे। हरियाणा पर्यटन निगम की जमीन पर कब्जा किसी भी कीमत पर हर्गिज बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस भूमि पर किए गए कब्जों को जल्द ही पूरी तरह हटवा दिया जाएगा। कानून अपना काम करेगा। उन्होंने टूरिज्म विभाग की सरकारी जमीन पर कब्जा जमाए बैठे लोगों से भी किए गए कब्जे को स्वेच्छापूर्वक खुद ही हटा लेने का आग्रह किया है और साफ कहा है कि कब्जे ना हटाए तो कब्जे हटाने के लिए चलाए गए अभियान के दौरान जो भी हर्जा, खर्चा आएगा, उसकी भरपाई सरकारी भूमि पर कब्जा जमाए परिवारों से की जाएगी। ध्यान योग्य यह है कि अरावली पहाड़ी से सटी इस भूमि पर पक्का निर्माण प्रतिबंधित होने के कारण जंगल से जुड़ी गतिविधियां ही की जा सकती थी।
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