सोहना,(उमेश गुप्ता): सीआईए पुलिस ने मुखबिर से मिली एक सूचना के आधार पर एक युवक से 2 किलो, 600 ग्राम गांजा बरामद होने पर युवक को गिरफ्तार कर लिया है। पकड़े गए युवक की पहचान नरेन्द्र पुत्र राजू निवासी
मोहल्ला माता चौक, गांव बादशाहपुर के रूप में हुई है। आरोपी को सोहना के गांव भौंड़सी में टोलप्लाजा के समीप से गिरफ्तार किया गया है। पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है। पुलिस का कहना है कि आरोपी को पुलिस जल्द ही अदालत में पेश करेगी। बताया गया है कि यह युवक अपने परिचित व्यक्ति से 20 हजार रुपए प्रति किलो में गांजा लाकर खोखों, झुग्गी-झोपडिय़ों चोरी-छिपे वाहन चालकों को गांजे की पुडिय़ा बेचकर मोटी कमाई कर रहे थे। एसीपी प्रीतपाल सिंह सांगवान के अनुसार सोहना सीआईए पुलिस थाना प्रभारी इंस्पेक्टर देविन्द्र सिंह को मुखबिर खास से सूचना हाथ लगी कि भौंड़सी गांव में टोलप्लाजा के समीप एक युवक खड़ा हुआ है। जिसके पास गांजा है। यदि फौरन छापेमारी की जाए तो उसे गांजे के साथ रंगे हाथों पकड़ा जा सकता है। जिस पर सीआईए पुलिस टीम एक सहायक सबइंस्पेक्टर की अगुवाई में बताए गए स्थान पर पहुंच गई और घेराबंदी डाल जब वहां खड़े युवक को ललकारा तो पुलिस को देख युवक भागने लगा लेकिन पहले से मुस्तैद पुलिस टीम ने भागते युवक को दबोच लिया और जब उसकी तलाशी ली तो उसके पास से गांजा मिला। जिसे तुलवाए जाने पर उसका वजन दो किलो, 600 ग्राम मिला। पूछताछ के दौरान आरोपी ने अपना नाम नरेन्द्र पुत्र राजू निवासी मोहल्ला माता चौक, गांव बादशाहपुर बताया और खुलासा किया कि वह इस गांजे को पुडिय़ा बनाकर वाहन चालकों को बेचने की फिराक में था। पुलिस ने आरोपी को अदालत में पेश किया। जिसे अदालत ने न्यायिक हिरासत में भौंड़सी जेल भेज दिया है। जागरूक लोगों का कहना है कि पुलिस आए दिन जगह-जगह गांजा पकड़ रही है। लोग भी पकड़ में आ रहे है लेकिन फिर भी प्रभावी तरीके से गांजा बिक्री पर रोक नही लग रही है। जिससे जाहिर है कि मेवात और साइबर सिटी समेत एनसीआर क्षेत्र में गांजा की बिक्री और खरीद-फरोख्त को लेकर कई गिरोह सक्रिय है, जो आए दिन पुलिस की नजरों से बचने के लिए अपने ठिकाने बदल-बदल कर गांजे की सप्लाई कर रहे है और युवाओं को पथभ्रष्ट बनाकर नैतिक पतन कर रहे है क्योकि जो व्यक्ति एक बार गांजा, सुल्फा की चपेट में आ जाता है, उसे ऐसी लत लग जाती है कि वह बिना गांजा, सुल्फा के रह नही पाता। लोग उसे नशेड़ी कहकर छेड़ते है लेकिन वह समाज में हो रही बदनामी के बावजूद इस लत को नही छोड़ पाता है। यदि पुलिस प्रशासन गांजा सप्लाई करने वालों से पकड़ में आने पर पूछताछ के दौरान उनके पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने का काम करे तो ही उस पर कुछ हद तक रोक लग सकती है।
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