सोहना,(उमेश गुप्ता): सामाजिक संस्था सोहना जागृति मंच ने नापतोल विभाग और उपायुक्त को लिखे पत्रों में खुलासा किया है कि शहर सोहना में मिठाई बेचने वाले दुकानदार मिठाई के डिब्बों को भी वजन के साथ
ोल रहे है। जिससे ग्राहकों को आर्थिक रूप से दोहरी चपत लग रही है क्योकि मिठाई यदि 440 रुपए किलो है और मिठाई के खाली डिब्बे का वजन 125 ग्राम है तो उपभोक्ता को डिब्बा मिठाई के साथ तुलने पर सीधे-सीधे 55 रुपए की चपत लगाई जा रही है। यानि 440 रुपए किलो वाली मिठाई उपभोक्ता के साथ हो रही ठगी के कारण 495 रुपए प्रति किलो बिक रही है लेकिन संबंधित विभाग के अधिकारी इस तरफ से आंखें मूदे हुए है। जिस कारण मिठाई विक्रेता सरेआम ग्राहकों की आंखों में धूल झोक जमकर चांदी कूट रहे है लेकिन कही-कोई, देखने-सुनने वाला नही है। मामला प्रशासन के संज्ञान में लाए जाने पर रविवार को सोहना की उपतहसीलदार शैली मलिक ने मिठाई विक्रेताओं को यहां बिकने वाली मिठाइयों में रंग ना डालने और खोया की उच्च बढिय़ा क्वालिटी रखने के आवश्यक दिशा-निर्देश दिए है। उन्होने मिठाई खरीदने वाले ग्राहकों से मिठाई खरीदते वक्त मिठाई के साथ डिब्बे को वजन के साथ ना तुलवाए जाने और मिठाई के साथ डिब्बे को तोलने वाले मिठाई विक्रेता के खिलाफ कानूनी कार्रवाई अमल में लाए जाने का विश्वास दिलाते हुए बताया कि किसी भी मिठाई विक्रेता, हलवाई, रेस्तरा पर मिठाई के साथ डिब्बे का वजन भी साथ तोले जाने की शिकायत हाथ लगते ही तत्काल प्रभावी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। ज्ञातव्य हो कि इस क्षेत्र में प्राय: मिठाई विक्रेता प्रशासन की अनदेखी और ग्राहकों की चुप्पी के बीच मिठाई के साथ डिब्बे का वजन भी साथ में तोल उन्हें आर्थिक रूप से चूना लगाते है। वहीं सरकार द्वारा निर्धारित कायदे-कानूनों को भी ठेंगा दिखा रहे है। इतना ही नही क्षेत्र में मिठाई बनाने वाले दुकानदार मिठाईयों को सुंदर सजावट देने मे लिए प्राणी (मनुष्य) के लिए अत्यंत घातक रंगों, सिंथेटिक दूध व मावा, बासी खोया से भी मिठाइयां बनाने और बेचने से गुरेज नहीं कर रहे। ऐसे में ऐसी मिठाइयों का सेवन करने से फूड़ प्वाइजनिंग होने का खतरा भी बन जाता है। उपायुक्त डाक्टर यश गर्ग ने बताया कि मनुष्य के जीवन से खिलवाड़ करने की इजाजत हर्गिज नहीं सहन होगी। उन्होने बताया कि सैंपल अधिकारी को जल्द ही सोहना में मिठाई विक्रेताओं, हलवाइयों, बड़ी-बड़ी दूध डेयरियों और खोया, पनीर, मावा बेचने वाले दुकानदारों की दुकानों पर औचक छापेमारी कर उपरोक्त खाद्य वस्तुओं का सैंपल भरवाएंगे। भरे गए सैंपलों को जांच के लिए प्रयोगशाला में भिजवाया जाएगा ताकि खाद्य वस्तुओं में मिलावट करने वाले और अत्यंत घातक रंगयुक्त मिठाइयां बेचने वाले, सिंथेटिक दूध व नकली पनीर, मावा, बासी खोया बेचने वाले विक्रेताओं पर कड़ाईपूर्वक लगाम लगाई जा सके और नापतोल विभाग के अधिकारियों को भी सोहना में भेजकर मिठाई के साथ वजन में खाली डिब्बों का वजन तोलने वाले दुकानदारों की पहचान कर उनके खिलाफ कानूनी और विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
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