सोहना,(उमेश गुप्ता): यहां पर बुधवार को ओएसबी के सीईओ व खेलप्रेमी संजीव कुमार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार से मांग की है कि हाकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद को मरणोपरांत भारतरत्न सम्मान से
वाजा जाए। उन्होने बताया कि आजाद भारत की टीम ने पहली बार ओलंपिक पदक 12 अगस्त को लंदन ओलंपिक 1948 में जीता था। पूर्व अंतर्राष्ट्रीय खिलाडिय़ों में से एक रहे मेजर ध्यानचंद को भारतरत्न सम्मान दिया जाए क्योकि हाकी में मेजर ध्यानचंद के दिए गए योगदान को हर्गिज नही भुलाया जा सकता है। वर्ष-2009 में जब सचिन तेंदुलकर भारत रत्न दिया गया, तब भी खेल जगत के दिग्गजों ने मेजर ध्यानचंद को भारत रत्न दिए जाने की मांग रखी थी। रविवार को यहां पर खिलाडिय़ों के बीच मुख्यवक्ता रूप में बोलते हुए ओएसबी के सीईओ व खेलप्रेमी संजीव कुमार का कहना है कि मेजर ध्यानचंद भारत ही नही विश्व हाकी के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी रहे है। जब भारत पर गौरी सरकार हुकूमत करती थी, उस वक्त दुनिया में भारत को लोग महान हाकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद के नाम से जानते थे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार को चाहिए कि मेजर ध्यानचंद को भारतरत्न अवार्ड देकर अपने देश के महान खिलाड़ी का सम्मान करे। खिलाडिय़ों जीतू राघव, मनोज बजरंगी, हेमंत नंदा, राकेश जैन, जितेन्द्र सैनी, डीसी खुराना, सिद्धार्थ जैन, संजीव गुप्ता सर्राफ, व्यापारमंडल संघ के उपाध्यक्ष रोहित गर्ग, स्वर्णकार व्यापारी एसोसिएशन के अध्यक्ष जयप्रकाश गुप्ता सर्राफ आदि ने बताया कि वह महान हाकी खिलाड़ी मेजर ध्यान चंद को भारत रत्न अवार्ड देने के लिए वर्षों से मांग करते आ रहे है लेकिन अभी तक किसी भी पार्टी की सरकार केन्द्र में रही, किसी ने भी इस तरफ ध्यान नही दिया। उन्होने पुरानी यादों को ताजा करते हुए बताया कि वर्ष-2009 में मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने हाकी जादूगर मेजर ध्यानचंद को सम्मान देने के लिए जबरदस्त तरीके से पैरवी की थी लेकिन मोदी सरकार में भाजपा के वरिष्ठ नेता शिवराज चौहान हाकी जादूगर मेजर ध्यान चंद को सम्मान देने के लिए पैरवी करना भूल गए। शिवराज चौहान को चाहिए कि वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार के सामने ठोस तरीके से तर्क रखकर मेजर ध्यानचंद को भारत रत्न सम्मान दिए जाने के लिए ठोस तरीके से पैरवी करे और केन्द्र सरकार को चाहिए कि जनभावनाओं का सम्मान करते हुए हाकी के महान खिलाड़ी जादूगर मेजर ध्यानचंद को भारत रत्न सम्मान से नवाजा जाए।
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