जब मीना कुमारी ने डाकू के हाथ पर चाकू से दिया था ऑटोग्राफ, ऐसी थी ट्रेजेडी क्वीन के लिए दीवानगी

Khoji NCR
2021-08-01 09:15:07

नई दिल्ली, । 1 अगस्त, 1932 को जन्मी मीना कुमारी एक अभिनेत्री के रूप में 32 सालों तक भारतीय सिने जगत पर छाई रहीं। इस दिग्गज अभिनेत्री का जिक्र तब तक अधूरा जब तक पाकिजा का नाम ना लिया जाए। फिल्मों के जा

कार कहते हैं, ''जिस तरह से शाहजहां ने ताजमहल बना कर मुमताज़ महल को हमेशा-हमेशा के लिए अमर कर दिया, वैसे ही कमाल अमरोही ने 'पाकीज़ा' बना कर मीना कुमारी उनको अमर बनाया।'' 5 साल अलग रहने के बाद भी मीना कुमारी ने कमाल अमरोही की फिल्म पाकीज़ा में काम किया। इस फिल्म की शूटिंग के ही दौरान कमाल अमरोही और मीना कुमारी के साथ एक दिलचस्प घटना घटी। विनोद मेहता लिखते हैं, 'आउटडोर शूटिंग पर कमाल अमरोही अक्सर दो कारों पर जाया करते थे। एक बार दिल्ली जाते हुए मध्यप्रदेश में शिवपुरी में उनकी कार में पैट्रोल खत्म हो गया। अमरोही ने तय किया कि रात कार में सड़क पर ही बिताएंगे।' 'अमरोही को आइडिया नहीं था की वो इलाका डाकूओं का था। आधी रात के बाद करीब एक दर्जन डाकुओं ने उनकी कारों को घेर लिया। उन्होंने कारों में बैठे हुए लोगों से कहा कि वो नीचे उतरें। कमाल अमरोही ने कार से उतरने से इनकार कर दिया और कहा कि जो भी मुझसे मिलना चाहता है, मेरी कार के पास आए।' 'थोड़ी देर बाद एक सिल्क का पायजामा और कमीज पहने हुए एक शख़्स उनके पास आया। उसने पूछा, 'आप कौन हैं ?' अमरोही ने जवाब दिया, 'मैं कमाल हूं और इस इलाके में शूटिंग कर रहा हूं। हमारी कार का पैट्रोल खत्म हो गया है।' डाकू को लगा कि वो रायफल शूटिंग की बात कर रहे हैं।' 'लेकिन जब डाकुओं के सरदार को बताया गया कि ये फिल्म शूटिंग है और दूसरी कार में मीना कुमारी भी बैठी है, तो उसके हावभाव बदल गए। डाकू ने तुरंत संगीत, नाच और खाने का इंतेजाम कराया। उन्हें सोने की जगह दी और सुबह उनकी कार के लिए पेट्रोल भी मंगवा दिया। चलते चलते उसने मीना कुमारी से कहा कि वो नुकीले चाकू से उसके हाथ पर अपना ऑटोग्राफ दे। ये सुनकर सभी सन्न रह गए। जैसे-तैसे मीना कुमारी ने ऑटोग्राफ दिया। बाद में जा कर उन्हें पता चला कि उन्होंने मध्यप्रदेश के उस समय के नामी डाकू अमृत लाल के साथ रात बिताई थी।'

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