सोहना,(उमेश गुप्ता): सोहना शहर में लेबर चौक से शहर पुलिस थाने तक नगरपरिषद की तरफ से बनाए गए गंदे व बरसाती पानी की निकासी वाले नाले पर लोगों ने कब्जा जमा लिया है। कब्जा इस कदर जमाया गया है कि किसी
े पटे हुए नाले पर सामान सजाकर नाले को कब्जा लिया है तो किसी ने पूरी दुकान ही खोल ली है। दुकानों में जितना सामान नही है, उतना सामान नाले पर रखकर बेचा जा रहा है। यही कारण है कि नगरपरिषद का कागजी रिकार्ड चाहे जो कहे लेकिन धरातल पर असलियत ये है कि नालों की बीते कई वर्षों से सफाई ही नही हो पाई है। नाले गंदगी से पूरी तरह भरे पड़े है लेकिन नाले ऊपर से पटा होने और अवैध अतिक्रमण के कारण नालों की सफाई नही हो पा रही है। जिसका खामियाजा अनाजमंडी के आढ़तियों और व्यापारियों को बरसात के दिनों में नुकसान सहन करके भुगतना पड़ रहा है क्योकि मार्किटकमेटी क्षेत्र में गंदे व बरसाती पानी की निकासी के लिए बनाया गया नाला अग्रवाल धर्मशाला हनुमान बगीची से होकर मार्किटकमेटी गेट के पास इसी नाले में आकर जुड़ता है और यहां से लेकर शहर पुलिस थाने तक नाले पर अवैध अतिक्रमण के चलते नाले की सफाई नही हो पा रही है। जहां कही थोड़ा-बहुत नाला खुला हुआ भी है तो वहां आसपास के लोग नाले से निकले कूड़े को नही डालने देते। बरसात होने पर यह कूड़ा दोबारा से नाले में जा गिरता है। जिस कारण गंदा व बरसाती पानी नाले की बजाय सडक़ों पर बहने से दुकानदारों को नुकसान उठाना पड़ रहा है लेकिन स्थानीय नगरपरिषद प्रशासन के अधिकारी कुंभकर्णी नींद में सोए नजर आ रहे है। ऐसे में ऐसा लग रहा है, जैसे अतिक्रमणकारियों के आगे नगरपरिषद प्रशासन पंगु बनकर रह गया है। अन्यथा क्या कारण है कि नगरपरिषद प्रशासन नालों की सफाई के लिए नालों पर किए गए पक्के निर्माणों को अभी तक नही हटवा पाया है। शहर में निरंकारी कॉलेज से लेकर नगरपालिका बाजार मार्किट तक दुकानदारों ने नालों पर पक्के निर्माण किए हुए है। जिससे नालों की सफाई नही हो पा रही है और जब बरसात आती है तो इन नालों से बरसाती पानी नही निकल पाता है। यह बरसाती पानी सडक़ पर कई-कई फुट जमा होने से राहगीर व वाहन चालक परेशान हो जाते है। इतना ही नही शहर में जगह-जगह नगरपरिषद प्रशासन की अनदेखी के चलते अतिक्रमणकारियों की मौज बन आई है। अतिक्रमण का इतना जबरदस्त बोलबाला है कि यहां पर पलवल रोड समेत कई स्थानों पर गंदे व बरसाती पानी की निकासी के लिए बनाए गए नालों पर लोगों ने पक्की तामीर कर ली है। किसी ने नालों के ऊपर कंकरीट युक्त चबूतरे बना लिए है तो किसी ने पक्के निर्माण कर लिए है। नालों को पूरी तरह पक्के निर्माणों से ढक दिया गया है। जिस कारण नालों की साफ-सफाई भी नहीं हो पा रही है। ऐसे में नाले गंदगी से लबालब भरे होने से यहां कभी भी कोई मौसमी बीमारी पनप सकती है। ताज्जुब तो ये है कि नगरपरिषद प्रशासक हो अथवा परिषद अधिकारी, कोई भी इस तरफ ध्यान नहीं दे रहा है। कागजी खानापूर्ति और आपसदारी को निभाने में ज्यादा तरजीह दी जा रही है। जिसका खामियाजा बरसात में आम जनता को सडक़ों पर कई-कई फुट गंदा व बरसाती पानी भरने पर भुगतना पड़ता है। जागरूक लोगों का कहना है कि जनहित के दृष्टिगत नगरपरिषद प्रशासन को बिना किसी दबाव में आए तत्काल इस तरफ ध्यान देकर नालों के ऊपर हुए पक्के निर्माणों को तुड़वाने की पहल करनी चाहिए ताकि नालों की रोजाना नियमित रूप से सफाई होती रहे। नालों में गंदगी व पानी भरकर खड़ा ना रहे। देखने में आ रहा है कि सोहना शहर में गुरूग्राम रोड, पलवल रोड, नूंह रोड, इंडरी रोड आदि विभिन्न स्थानों पर नगरपरिषद द्वारा बनवाए गए नालों पर अतिक्रमणकारियों ने दबंगई दिखाते हुए पूरी तरह कब्जे कर लिए है और इन नालों के ऊपर किए गए पक्के निर्माण नगरपरिषद प्रशासन के गंदे व बरसाती पानी की निकासी को ठेंगा दिखा रहे है। शहर के जागरूक लोगों ने इस मसले को जोर-शोर से उठाने और नालों को कब्जा मुक्त कराने के लिए आला प्रशासनिक अधिकारियों से मिलने का निर्णय लिया है। सोहना जोन की एसडीएम और नगरपरिषद प्रशासक चिनार चहल का कहना है कि वह नालों पर कब्जे किए जाने का पता लगाएगी। यदि किसी ने भी नाले पर कच्चा, पक्का निर्माण अथवा किसी भी तरह का अतिक्रमण किया हुआ है तो उसे तत्काल रूप में हटवाया जाएगा ताकि गंदे व बरसाती पानी की निकासी में कोई विघ्न ना आए।
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