सोहना,(उमेश गुप्ता): सोहना शहर में पूर्व उप-प्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल की स्मृति में करीब 19-20 वर्षों पूर्व बहुमूल्य भूमि पर बनाया गया चौधरी देवीलाल खेलस्टेडियम आज शासन-प्रशासन की अनदेखी के चल
े अपनी बदहाली पर आंसू बहाता प्रतीत होता है। ज्ञातव्य हो कि चौधरी ओमप्रकाश चौटाला ने अपने मुख्यमंत्री काल में इस इलाके की सोहना में खेलस्टेडियम बनाए जाने वाली कई दशकों पुरानी मांग को पूरा करते हुए स्थानीय बसअड्डा से लगती रोड़वेज विभाग की करीब पौने आठ एकड़ भूमि को खेलस्टेडियम के खातिर अधिग्रहित करवाने के बाद यहां चौधरी देवीलाल स्टेडियम में बनाए गए उद्यान में पूर्व उप-प्रधानमंत्री जननायक चौधरी देवीलाल की आदमकद प्रतिमा लगने उपरांत जनता को समर्पित किया था। हालांकि खेलस्टेडियम के देखरेख के लिये सरकारी, गैर सरकारी लोगों की एक संयुक्त कमेटी भी यहां बनी हुई है। जिसकी पदेन अध्यक्ष का दायित्व सर्कल एसडीएम के हाथों में है लेकिन खेलस्टेडियम समिति की पदेन अध्यक्ष की बरती जा रही अनदेखी खिलाडिय़ों व दर्शकों पर भारी पड़ रही है तो नगरपरिषद प्रशासन और लोकनिर्माण व सडक़ विभाग के स्थानीय अधिकारियों की मनमर्जी के आगे एसडीएम तथा खेलस्टेडियम की पदेन अध्यक्ष के निर्देश दिखावा बनकर रह गए है। ऐसा नही कि स्टेडियमकमेटी के पास पैसे की कोई कमी हो। स्टेडियमकमेटी के पास कई करोड़ रुपए की धनराशि जमा है। जिससे जाहिर है कि खेलस्टेडियम कमेटी रामभरोसे चल रही है। कही-कोई, देखने-सुनने वाला नही है। ऐसे में खेलस्टेडियम में आने वाले खिलाड़ी और भ्रमणकारी सभी परेशान है कि करे तो क्या करे? जब खेलस्टेडियम कमेटी ही स्टेडियम के सौन्दर्यकरण और खेलों व खिलाडिय़ों को बढ़ावा देने में नाकाम नजर आ रही है तो वह किसके आगे अपनी बात रखे। किससे गुहार लगाए। स्टेडियम के बाहर भी जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे है तो कही टैंपो और ट्रैक्टर वालों ने अपने अवैध स्टैंड बना लिए है। हालात ये है कि स्टेडियम का एक गेट तो अवैध टैक्सी वालों ने गेट के ऊपर अपने टैंपो खड़े करके पूरी तरह कब्जा लिया है और ताज्जुब की बात तो ये है कि खेलस्टेडियम कमेटी संचालन करने वाली खुद पदेन एसडीएम है तो सचिव के पद पर तहसीलदार होने के बावजूद दोनों ही अधिकारी खेलस्टेडियम के बाहर अवैध रूप से बने टैंपो और ट्रैक्टर स्टैंडों को हटा पाने में नाकाम साबित हो रहे है। इतना ही नही खेलस्टेडियम कमेटी की तरफ से खेलस्टेडियम में वाटरकूलर लगवाए जाने के लिए प्रस्ताव पास हुए काफी समय बीत गया है लेकिन आज तक भी खेलस्टेडियम में ना तो वाटरकूलर लग पाया है और ना ही वाटरकूलर को तेज धूप, बरसात से बचाने और खिलाडिय़ों व दर्शकों को पानी पीने के लिए टीन शैड की व्यवस्था की गई है। लोकनिर्माण व सडक़ विभाग की तरफ से खेलस्टेडियम प्रांगण में खिलाडिय़ों के लिए सुलभ शौचालय बनाया गया है लेकिन उसमें आज तक टोटी नही लगी है। जिससे पानी की सप्लाई ना होने से बनाया गया शौचालय सफेद हाथी साबित हो रहे है। क्षेत्र के जागरूक लोगों ने खेलस्टेडियम समिति और प्रशासन का ध्यान इस तरफ आकर्षित करते हुए स्टेडियम में खिलाडिय़ों के अभ्यास के लिये पिच बनवाये जाने, पैवेलियन का निर्माण कराये जाने, स्टेडियम के भीतर रात में प्रकाश व्यवस्था बनाने के लिये बड़ी लाइटें, स्नानगृह, शौचालय तथा मूत्रालय बनाए जाने, आरओ युक्त ठंडे-स्वच्छ पेयजल सुविधा उपलब्ध कराए जाने और स्टेडियम में अभ्यास के लिये आ रहे खिलाडिय़ों की सुविधार्थ ‘नो लोस-नो प्रोफिट’ के आधार पर कैंटीन सुविधा मुहैया कराये जाने की मांग की है। खिलाडिय़ों का कहना है कि जब खेलस्टेडियमकमेटी के पास आमदनी व पैसे की कमी नही है तो भी स्टेडियम में खिलाडिय़ों को जरूरी सुविधाएं मुहैया क्यो नही कराई जा रही है। खेलस्टेडियम कमेटी सही कराने में क्यो लाचार नजर आ रही है। जागरूक लोगों का कहना है कि वह इस पूरे मामले को जल्द ही उपायुक्त डाक्टर यश गर्ग के संज्ञान में लाएंगे।
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