सोहना,(उमेश गुप्ता): यहां पर उपमंडलस्तरीय नागरिक अस्पताल में आने वाले रोगी सुविधाओं के अभाव में परेशान है। जिससे नागरिक अस्पताल सफेद हाथी साबित हो रहा है। हालात ये है कि प्रदेश का प्रथम आईपीए
एस अव्वल दर्जा प्राप्त इस उपमंडलस्तरीय अस्पताल में आ रही प्रसूति वाली महिलाओं की डिलीवरी ना होने से उन्हे जिला मुख्यालय के लिए रैफर करना पड़ रहा है तो फैमिली प्लानिंग के तहत महिलाओं की नलबंदी भी नही हो पा रही है। जिसका कारण बीते कई दिनों से बिजली गुल होना है। इमरजेंसी वार्ड में लगा इन्वर्टर भी सही से काम नही कर रहा है तो सरकार की तरफ से वर्षों पहले भेजा गया लाखों रुपए की कीमत वाला जरनेटर लंबे समय से खराब पड़ा हुआ है। ऐसे में आप्रेशन थियेटर में अंधेरा छाया हुआ है। हालातों को भाप अस्पताल प्रबंधन ने अस्पताल में गुल बिजली आपूर्ति को बहाल कराए जाने और आप्रेशन थियेटर को दोबारा से चालू कराने के लिए विभागीय अधिकारियों को पत्र लिखकर बजट उपलब्ध कराए जाने की मांग की है ताकि बजट मिलने पर आप्रेशन थियेटर को दोबारा से शुरू किया जा सके। इतना जरूर है कि ऐसे हालातों में नागरिक अस्पताल में उपचार के लिए आने वाले रोगियों को पसीने में तर-बतर हो कदम-कदम पर परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। एक तरफ केन्द्र व प्रदेश सरकार परिवार नियोजन को बढ़ावा देने के लिए जागरूकता अभियान चला रही है तो दूसरी तरफ यहां पर उपमंडलस्तरीय नागरिक अस्पताल में हालात ये है कि कई दिनों से बिजली गुल होने से परिवार नियोजन अभियान को भी पलीता लग रहा है। जिन महिलाओं को नलबंदी करानी है, वह महिलाएं बार-बार नागरिक अस्पताल के चक्कर लगा रही है लेकिन नागरिक अस्पताल में बिजली ना होने से परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत नलबंदी कराने वाली महिलाओं की नलबंदी भी नही हो पा रही है। सूत्रों की माने तो यहां पर हुई बरसात के दौरान नागरिक अस्पताल में शार्ट सर्किट के चलते बिजली कई दिनों से गुल पड़ी है। जिला मुख्यालय से बिजली समस्या निवारण के लिए इंजीनियर को बुलाया गया है लेकिन वहां से आए इंजीनियर भी नागरिक अस्पताल में कई दिनों से गुल बिजली आपूर्ति को दोबारा से बहाल नही कर पाए है। इसके अलावा अस्पताल में डाक्टरों के डयूटी वक्त में सफेद कोट ना पहनने और अपने कक्षों में ना बैठने से भी रोगी परेशान हो रहे है तो सफाई व्यवस्था का भी दीवाला पिटा नजर आ रहा है। अस्पताल के पार्क में आवारा पशु विचरण कर रहे है तो कही गंदगी तो कही पार्क में प्लास्टिक व कूड़ों के ढेर लगे है लेकिन कही-कोई, देखने-सुनने वाला नही है। क्षेत्र के जागरूक लोगों का कहना है कि जिस तरह प्रदेश के गृहमंत्री अनिल विज ने नगरनिगम में औचक छापेमारी की, उसी तर्ज पर उन्हे सोहना शहर में आकर इस उपमंडलस्तरीय नागरिक अस्पताल में औचक छापेमारी कर असलियत जाननी चाहिए ताकि सच्चाई सामने आए और सरकार को पता चले कि नागरिक अस्पताल में आने वाले रोगियों को कदम-कदम पर किस तरह परेशानियों से जूझना पड़ रहा है।
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