चीन को भविष्य में कम प्रजनन दर के दबाव का करना पड़ेगा सामना, स्वास्थ्य प्राधिकरण ने चेताया

Khoji NCR
2021-07-21 09:17:02

बीजिंग, राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग (एनएचसी) ने बुधवार को बताया कि चीन को भविष्य में अपने कम प्रजनन (लो फर्टिलिटी) के लिए भविष्य में दबाव का सामना करना पड़ सकता है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग के एक

प प्रमुख ने कहा कि इस साल चीन में अब तक के नए जन्म लिए हुए कुल बच्चे अभी तक इसकी पहली छमाही से धीमी गति में चल रहे हैं। चीन का प्रजनन दर चीन अपने देश को आगे बढ़ाने के लिए रफ्तार से बढ़ रहा है ऐसे में राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग द्वारा यह बताया गया है कि चीन को भविष्य में अपने कम प्रजनन दर के लिए भविष्य में दबाव का सामना करना पड़ेगा यकीनन यह बात कई तरह के सवाल खड़े करती है, कि आखिर क्यों कम होगा भविष्य में चीन का प्रजनन दर? आपको बता दें कि 2020 में चीन में प्रति महिला केवल 1.3 बच्चों का प्रजनन दर था। और हाल के आंकड़ों से यह पता चलता है कि जापान और इटली जैसे उम्र बढ़ने वाले समाजों के बराबर और प्रतिस्थापन स्तर के लिए चीन में बच्चों का प्रजनन दर आवश्यकता अनुसार लगभग 2.1 से बहुत कम है। क्या है चीन की तीन-बाल नीति ? चीन दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश हैं। एक आधिकारिक दस्तावेज में मंगलवार को दिखाया गया कि चीन, अपने जन्म में नाटकीय गिरावट को रोकने के लिए तीन साल से कम उम्र के बच्चों पर खर्च के लिए कर कटौती की अनुमति देगा। वहीं चीन की राजधानी बीजिंग ने 31 मई को घोषणा की कि वह विवाहित जोड़ों को सिर्फ दो के बजाय तीन बच्चे पैदा करने की अनुमति देगा। जून में सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी और स्टेट काउंसिल द्वारा संयुक्त रूप से अपनाए गए और आधिकारिक समाचार एजेंसी सिन्हुआ द्वारा मंगलवार को जारी किए गए नीति दस्तावेज में तीन-बाल नीति को लागू करने के लिए विशिष्ट उपायों की व्याख्या की गई है। जिसमें कहा गया है कि जिन माता-पिता के तीसरे बच्चे हैं, उन्हें अब न तो जुर्माना देना होगा और न ही उनकी कार्य इकाइयों द्वारा दंड का सामना करना पड़ेगा। तीसरे बच्चे को अब घरेलू पंजीकरण परमिट प्राप्त करने में प्रतिबंधों का सामना नहीं करना पड़ेगा।इसके अलावा, तीन साल से कम उम्र के बच्चों की देखभाल पर होने वाले खर्च पर टैक्स छूट मिलेगी। तीन-बाल नीति को लागू कागज के अनुसार, स्थानीय सरकारों को सार्वजनिक फ्लैट किराए पर लेने के लिए आवेदन करने वाले नाबालिगों के माता-पिता की 'उचित देखभाल' करनी होगी।

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