अवैध खनन व ओवरलोड डपंर का संचालन बर्दाश्त नहीं : उपायुक्त

Khoji NCR
2020-12-09 11:04:49

नारनौल, । जिला में अवैध खनन व ओवरलोड डंपरों का संचालन किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहींं किया जाएगा। अधिकारी अपना निगरानी तंत्र और मजबूत करें तथा नियमोंं की अवहेलना करने वालोंं पर कड़ी से कड़ी क

र्रवाई करें। ये निर्देश उपायुक्त अजय कुमार ने आज लघु सचिवालय में जिला टास्क फोर्स कमेटी की मासिक बैठक में दिए। डीसी ने पॉलूशन बोर्ड के अधिकारियों को स्पष्टï कहा राष्टï्रीय हरित प्राधिकरण के दिशा-निर्देशों को सख्ती से लागू किया जाए। इस मामले में कोई भी अधिकारी ढिलाई न बरते। उन्होंने कहा कि कानूनी तरीकेसे हो रही व्यापारिक गतिविधियों पर कोई एतराज नहीं है लेकिन पर्यावरण को नुकसान किसी भी सूरत मेंं सहन नहींं किया जाएगा। उपायुक्त ने कहा कि जिला में जरूरत के अनुसार पुलिस के नाके बढ़ाए जाएंगे ताकि ओवर लोड वाहनों पर पूर्ण रूप से अंकुश लगे। अगर किसी विभाग को पुलिस की सहायता की जरूरत है तो तुरंत बताएं। उन्होंने कहा कि अधिकारी समय-समय पर औचक निरीक्षण करें। सरकार के निर्देशों अनुसार ऐसी गतिविधियोंं पर सख्त निगरानी रखें। कानून के विरुद्ध कार्य करने वालोंं पर लगातार जुर्माना लगाएं। इसके अलावा अपना सूचना तंत्र और मजबूत बनाएं ताकि जिला में कोई भी ऐसी गतिविधि न हो जो नियमों के खिलाफ हो। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक चंद्रमोहन, अतिरिक्त उपायुक्त अभिषेक मीणा, नारनौल एसडीएम रणबीर, नगराधीश लक्ष्मीनारायण, आरटीए विजेंद्र सिंह, ईटीओ अशोक चोपड़ा, डीडीपीओ ओमप्रकाश व अन्य अधिकारी मौजूद थे। जिला खनन अधिकारी अनिल कुमार ने बताया कि राष्टï्रीय हरित प्राधिकरण के आदेशानुसार अब पर्यावरण क्षतिपूर्ति के लिए संबंधित के खिलाफ कार्यवाही करते हुए भारी जुर्माना वसूली के आदेश हैं। उन्होंने बताया कि पांच साल तक पुराने 25 लाख से अधिक कीमत वाले वाहन व मशीनरी पर चार लाख रुपए जुर्माना है। वहीं पाच साल से अधिक पुराना तथा दस साल से कम पुराने वाहन व मशीनरी पर 3 लाख रुपए जुर्माना लगेगा। इसके अलावा दस साल से अधिक पुराना तथा इन दोनोंं श्रेणियोंं से अलग वाहन व मशीनरी पर 2 लाख रुपए जुर्माना लगाया जाएगा। खनन अधिकारी ने बताया कि मास जुलाई से गत माह के अंत तक 217 वाहन जब्त किए गए। इन वाहनों से 4 करोड़ 42 लाख 97 हजार 910 रुपए की राशि वसूल की गई। इसके अलावा निरीक्षण के दौरान ओवरलोड वाहनों के अतिरिक्त अंडरलोड वाहनों के दस्तावेजों की भी जांच की जाती है।

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